जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने आखिरकार हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेने का फैसला किया है। बता दें कि, छात्रों के भारी विरोध-प्रदर्शनों के बाद जेएनयू प्रशासन ने यह फैसला लिया है।

शिक्षा सचिव आर. सुब्रमण्यन ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि एग्जिक्यूटिव कमिटी ने हॉस्टल फीस में वृद्धि और अन्य नियमों से जुड़े फैसले को वापस ले लिया है। उन्होंने स्टूडेंट्स से अपील की है कि प्रदर्शन खत्म कर वापस क्लास का रुख करें। इसके साथ ही शिक्षा सचिव ने बताया कि एग्जिक्यूटिव कमिटी की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के स्टूडेंट्स को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने से संबंधित योजना का प्रस्ताव भी पेश किया गया और गरीब परिवारों के छात्रों के लिए योजना का भी ऐलान किया गया।
#JNU Executive Committee announces major roll-back in the hostel fee and other stipulations. Also proposes a scheme for economic assistance to the EWS students. Time to get back to classes. @HRDMinistry
— R. Subrahmanyam (@subrahyd) November 13, 2019
बता दें कि, छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद जेएनयू प्रशासन ने यह फैसला लिया है। ख़बरों के मुताबिक, फीस बढ़ोतरी के खिलाफ JNU के छात्र करीब दो हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे थे। स्टूडेंट्स ने सोमवार को एआईसीटीए बिल्डिंग के बाहर प्रदर्शन किया था जहां जेएनयू का दीक्षांत समारोह चल रहा था। उनके प्रदर्शन के कारण मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 6 घंटे अंदर ही फंसे रह गए।