केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार फिर भ्रष्ट अधिकारियों पर अपना चाबुक चलाते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से जबरन रिटायरमेंट दे दिया है। ये 15 वरिष्ठ अधिकारी सीबीआईसी के प्रिंसिपल कमिश्नर और कमिश्नर रैंक के हैं। यह सभी अधिकारी आज से कार्यमुक्त हो गए हैं। इन अधिकारियों को ऑर्टिकिल 56 (जे) के तहत रिटायरमेंट दिया गया है।

जिन अधिकारियों को कार्यमुक्त किया गया है उनमें सीबीआईसी के प्रधान कमिश्नर, कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारी शामिल हैं। इनमें से कई अधिकारी पहले से ही निलंबित चल रहे थे। समाचार एजेंसी एएनआई ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के जरिए यह जानकारी दी है।
Government of India compulsorily retires 15 very senior officers of the ranks of Principal Commissioner, Commissioner, Additional Commissioner, & Deputy Commissioner of Central Board of Indirect Taxes and Customs (CBIC) today, under Rule 56 (j) pic.twitter.com/GumYFZkgRr
— ANI (@ANI) June 18, 2019
इन अधिकारियों को वित्त मंत्रालय की नियम-56 (जे) के तहत कार्यमुक्त किया गया है। नियम 56 सार्वजनिक हित को देखते हुए प्रयोग में लाया जाता है जिसके माध्यम से अधिकारियों की कार्यकाल को तत्काल समाप्त कर दिया है। यह ज्यादातर भ्रष्टाचार के मामले में प्रयोग में आता है। इसमें 25 साल का कार्यकाल और 50 की उम्र को पार करने वालों का कार्यकाल खत्म कर उन्हें जबरन रिटायर कर दिया जाता है।
ईटी नाउ के अनुसार, जबरन रिटायर किए गए अधिकारियों में अनूप श्रीवास्तव (प्रमुख आयुक्त), अतुल दीक्षित (आयुक्त), संसार चंद (आयुक्त), जी. श्री हर्षा (आयुक्त), विनय ब्रिज सिंह (आयुक्त), अशोक आर. महिदा (अतिरिक्त आयुक्त), वीरेंद्र कुमार अग्रवाल (अतिरिक्त आयुक्त), अमरेश जैन (उपायुक्त), नलिन कुमार (सह आयुक्त), एस.एस. पबना (सहायक आयुक्त), एस.एस. बिष्ट (सहायक आयुक्त), विनोद कुमार सांगा (सहायक आयुक्त), राज सेकर (अतिरिक्त आयुक्त), अशोक कुमार (उपायुक्त), मो. अलताफ (सहायक आयुक्त) शामिल हैं।
बता दें कि इससे पहले भी केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार के कथित आरोप में आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को सेवा से जबरन रिटायर कर दिया था। अनिवार्य सेवानिवृत्ति की गाज करीब 12 वरिष्ठ अधिकारियों पर गिरी थी जिनमें आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त, प्रधान आयुक्त और आयुक्त रैंक के अधिकारी शामिल थे।