देश भर में चल रहे ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) के लपेटे में आए विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि अकबर पर ‘मीटू मूवमेंट’ के तहत दर्जनभर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। देश भर में चल रहे ‘मी टू’ अभियान के तहत हर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अमेरिका से शुरू हुए ‘मीटू’ आंदोलन ने भारत में भी भूचाल मचा दिया है।
[File: Sonu Mehta/Getty Images]यौन शोषण के आरोपों में घिरे अकबर ने बुधवार (17 अक्टूबर) को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एक बयान में अकबर ने कहा है ‘‘चूंकि मैंने निजी तौर पर कानून की अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं।’’ बयान में उन्होंने आगे कहा है ‘‘मैं, अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा। अत: मैं विदेश राज्य मंत्री पद से त्यागपत्र देता हूं।’’
#MJAkbar resigns from his post of Minister of State External Affairs MEA. pic.twitter.com/dxf4EtFl5P
— ANI (@ANI) October 17, 2018
उन्होंने कहा ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बेहद आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का अवसर दिया।’’ आपको बता दें कि इससे पहले रविवार को अपने आधिकारिक विदेश दौरे से वतन वापसी पर अकबर ने बयान जारी कर आरोपों पर अपना पक्ष रखा था। उन्होंने #Metoo आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए इस्तीफे से इनकार कर दिया था। वहीं, अकबर ने आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का केस भी किया है।
इस बीच अकबर पर आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली प्रिया रमानी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में ट्वीट कर कहा है कि एम जे अकबर के इस्तीफे से हमारे आरोप सही साबित हुए। कोर्ट से हमें न्याय की उम्मीद है।
As women we feel vindicated by MJ Akbar’s resignation.
I look forward to the day when I will also get justice in court #metoo— Priya Ramani (@priyaramani) October 17, 2018
मी टू अभियान के तहत हर रोज बॉलीवुड और मीडिया से कई महिलाएं आगे आकर अपनी आपबीती बयां कर रही हैं। ‘मी टू’ के लपेटे में आए केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री एम.जे.अकबर पर इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा था। यह मामला तब और बढ़ गया जब ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकीं 17 महिला पत्रकारों ने अपनी सहकर्मी प्रिया रमानी के समर्थन में आ गईं, जिन्होंने केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में रमानी का समर्थन करने की बात कही है और अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाए। उन्होंने दावा किया कि उनमें से कुछ का अकबर ने यौन उत्पीड़न किया और अन्य इसकी गवाह हैं। पत्रकारों ने अपने हस्ताक्षर वाले संयुक्त बयान में कहा, ”रमानी अपनी लड़ाई में अकेली नहीं है। हम मानहानि के मामले में सुनवाई कर रही माननीय अदालत से आग्रह करती हैं कि याचिकाकर्ता के हाथों हममें से कुछ के यौन उत्पीड़न को लेकर और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं की गवाही पर विचार किया जाए जो इस उत्पीड़न की गवाह थीं।
#MJAkbar resigns from his post of Minister of State External Affairs MEA. pic.twitter.com/dxf4EtFl5P
— ANI (@ANI) October 17, 2018
बयान पर दस्तखत करने वालों में मीनल बघेल, मनीषा पांडेय, तुशिता पटेल, कणिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार बादाम, होइहनु हौजेल, आयशा खान, कुशलरानी गुलाब, कनीझा गजारी, मालाविका बनर्जी, ए टी जयंती, हामिदा पार्कर, जोनाली बुरागोहैन, मीनाक्षी कुमार, सुजाता दत्ता सचदेवा और संजरी चटर्जी शामिल हैं।
वहीं, महिला पत्रकारों के एक पैनल ने केंद्रीय मंत्री एम.जे.अकबर को बर्खास्त करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा था। नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने सोमवार (16 अक्टूबर) को राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में कहा, “हम बेहद चिंतित हैं कि वह केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री पद पर बने हुए हैं।” पत्र के अनुसार, “आप इस बात से सहमत होंगे कि यह अनैतिक और अनुचित है। इस तरह से उनके कथित कुकर्मो की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच प्रभावित हो सकती है।”
‘मी टू’ अभियान ने पकड़ा तूल
आपको बता दें कि भारत में जारी ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) तूल पकड़ता जा रहा है। कई अन्य महिलाएं अपने अनुभवों को सार्वजनिक तौर पर शेयर कर रही हैं। आपको बता दें कि अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद से #MeToo आंदोलन ने सही मायने में भारत में दस्तक दी। तनुश्री के बाद एक-एक कर कई बड़े सितारों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जा चुके हैं।
फिल्म इंडस्ट्री से ‘मी टू’ अभियान की शुरुआत होने के बाद इसकी चपेट में मीडिया जगत भी आ गया है और इसकी लपटें मोदी सरकार के एक मंत्री को अपने लपेटे में ले रही हैं। अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे. अकबर पर दर्जनभर महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न और अनुचित व्यवहार के आरोप लगाए हैं। इन महिलाओं ने उन पर तमाम मीडिया संस्थानों में संपादक रहते हुए यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
नाना पाटेकर के बाद जहां विकास बहल, कैलाश खेर, चेतन भगत, जतिन दास, रजत कपूर, जुल्फी सैयद, आलोक नाथ, संपादक प्रशांत झा, रघु दीक्षित, सुहेल सेठ, अदिति मित्तल, सुभाई घई, साजिद खान, पीयूष मिश्रा और राहुल जौहरी भी ‘मी टू’ की चपेट में आए हैं, जिनपर यौन उत्पीड़न, बदसलूकी, गलत तरीके से छूने जैसे आरोप लग चुके हैं।