उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार (21 जनवरी) को वाराणसी के बड़ालालपुर स्थित ट्रेड फेसिलिटी सेंटर में दीप प्रज्ज्वलित कर तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन का शुभारंभ किया।इस अवसर पर विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह और युवा कल्याण मंत्री कर्नल राजवर्धन सिंह राठौर भी उपस्थित थे। आयोजन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द जगन्नाथ प्रवासी कुंभ का औपचारिक उदघाटन करेंगे।
हालांकि, तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत होते ही यह कार्यक्रम विवादों में फंस गया है। इस कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा एक बुकलेट बांटी गई है। इसमें कथित तौर पर भारत में जारी मीटू अभियान की जद में आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को अभी भी विदेश राज्य मंत्री के रूप में दिखाया गया है, जबकि यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद वे मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे चुके हैं।
बता दें कि करीब 20 महिला पत्रकारों द्वारा पूर्व मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद चारों तरफ से दबाव बना तो उन्होंने अपने मंत्री पद (विदेश राज्य मंत्री) से इस्तीफा दिया लेकिन वाराणसी में मनाए जा रहे प्रवासी भारतीय दिवस की बुकलेट पर एमजे अकबर अब भी मंत्री बने हुए हैं। सरकार की चूक की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है।
पत्रकारों का कहना है कि इतने बड़े कार्यक्रम में सरकार से इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है? सोशल मीडिया पर बुकलेट वायरल होने के बाद अधिकारियों को काफी असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, बीजेपी समर्थकों का कहना है कि प्रवासी दिवस को लेकर बुकलेट शायद काफी पहले ही प्रकाशित हो गई थीं, जिसके चलते इतनी बड़ी चूक हुई।
लोगों को दी गई बुकलेट के कवर पेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वीके सिंह के साथ एमजे अकबर की भी तस्वीर प्रकाशित हुई है। वहीं, बुकलेट के अंदर वाले पेज में टीम एमईए (विदेश मंत्रालय) का जिक्र किया गया है। इनमें सुषमा स्वराज, वीके सिंह, एमजे अकबर के साथ-साथ विदेश सचिव विजय गोखले, प्रीति सरन, रुचि घनश्याम समेत 2 अन्य सचिव के नाम और तस्वीर दी गई है।
Hmm. So MJ Akbar returns to take pride of place – with PM and EAM @SushmaSwaraj in photo book given to all attendees at Pravasi Bharat Divas. Is #MeToo forgiven and forgotten by BJP? Not how the women in BJP and larger Sangh I've spoken to feel. So how do organisers explain this pic.twitter.com/K2se0CdhGQ
— barkha dutt (@BDUTT) January 21, 2019
By featuring MJ Akbar in the official pamphlets and booklets of the Pravasi Bharatiya Divas, the govt has failed all those women who fought against this minister. The PM and the External Affairs minister should apologise to the women of this nation: @priyankac19. pic.twitter.com/zx7SqxP4Ub
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) January 21, 2019
पद से गए, दिल से नहीं ?#MJAkbar pic.twitter.com/KvoK1iUOI3
— Umashankar Singh (@umashankarsingh) January 21, 2019
#TeamMEA with #MJAkbar???
The book in the delegation kit has @mjakbar on the cover!
Resigning after #MeToo… How does he still make the cut??? ??♀️#PravasiBharatiyaDivas2019#PBD2019@SushmaSwaraj @Gen_VKSingh @CMOfficeUP pic.twitter.com/MHSOm3Bhwt— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) January 21, 2019
#विदेश_मंत्रालय की बड़ी लापरवाही। #MeeToo प्रकरण में फंसे @mjakbar विदेश राज्य मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन #वाराणासी में शुरु हुये प्रवासी भारतीय सम्मेलन में जो बुकलैट बांटी गईहै, उसमें प्रधानमंत्री मोदी और विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के साथ अकबर भी नजर आ रहे हैं pic.twitter.com/YW6yPjNJDN
— Sumit Awasthi (@awasthis) January 21, 2019
ये लीजिये, बनारस में प्रवासी भारतीयों को बाँटे जा रहे बुकलेट में आज भी एमजे अकबर मोदी सरकार के मंत्री. pic.twitter.com/gj38HScAbk
— Vikrant Dubey (@vikrantdubeyvns) January 21, 2019
मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ‘नए भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की भूमिका’ विषय पर केंद्रित 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के प्रथम दिन युवा प्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि गत साढ़े चार वर्षों में दुनिया में भारत की स्थिति तेजी से मजूबत हुई है। वहीं, इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में उभरते भारत की तस्वीर साफ तौर पर दिखने लगी है। उनके मार्गदर्शन में करीब दो वर्षों में प्रदेश में निवेश का माहौल बना है।
बता दें कि अकबर ने कई महिला पत्रकारों द्वारा उनपर यौन-उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद पिछले साल उन्होंने विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पहली महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने आरोप लगाया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने करीब 20 साल पहले उनका यौन उत्पीड़न किया था। रमानी ने सबसे पहले अकबर के खिलाफ सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए थे। जिसके बाद पिछले 10 दिनों में कम से कम 20 महिलाएं आगे आई हैं और उन्होंने अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।