मूर्तियों पर खर्च पैसे लौटाने वाली सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर मायावती बोलीं- ‘मीडिया के लोग कटी पतंग न बने तो बेहतर है’

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख और उनकी पार्टी के चुनाव चिह्न की मूर्तियों के विषय में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर शनिवार (9 फरवरी) को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और मीडिया पर तंज कसते हुए हमला बोला। बीएसपी प्रमुख ने कहा कि मीडिया कृपा करके सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़मरोड़ कर पेश न करे। साथ ही उन्होंने कहा कि मीडिया और बीजेपी के लोग कटी पतंग न बनें तो बेहतर है।

मायावती ने शनिवार को अपने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘सदियों से तिरस्कृत दलित तथा पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों, गुरुओं तथा महापुरुषों के आदर-सम्मान में निर्मित भव्य स्थल/स्मारक/ पार्क आदि उत्तर प्रदेश की नई शान, पहचान तथा व्यस्त पर्यटन स्थल हैं, जिसके कारण सरकार को नियमित आय भी होती है।’

उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘‘मीडिया कृपा करके माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश न करे। माननीय न्यायालय में अपना पक्ष जरूर पूरी मजबूती के साथ आगे भी रखा जाएगा। हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में भी न्यायालय से पूरा इंसाफ मिलेगा। मीडिया तथा बीजेपी के लोग कटी पतंग न बनें तो बेहतर है।’

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (8 फरवरी) को कहा था कि बसपा प्रमुख मायावती और उनकी पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी की मूर्तियों पर आया खर्च मायावती को सरकारी खजाने में लौटाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एक टिप्पणी में कहा उसे ऐसा लगता है कि मायावती को लखनऊ और नोएडा में अपनी तथा बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनवाने पर खर्च किया गया सारा सरकारी धन लौटाना होगा।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने एक अधिवक्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी। वकील रविकांत ने 2009 में दायर अपनी याचिका में दलील दी है कि सार्वजनिक धन का प्रयोग अपनी मूर्तियां बनवाने और राजनीतिक दल का प्रचार करने के लिए नहीं किया जा सकता।मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 2 अप्रैल को तय की गई है।

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