राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस को गैर भरोसेमंद और धोखेबाज करार दिया है।
फाइल फोटोमायावती ने मंगलवार सुबह एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। मायावती ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, “राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।”
अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होने लिखा, “कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।”
2. कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।
— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019
3.कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।
— Mayawati (@Mayawati) September 17, 2019
गौरतलब है कि राजस्थान में बहुजन समाजवादी पार्टी के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। बसपा के छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को सोमवार देर रात एक पत्र सौंपा। विधायकों ने बिना शर्त कांग्रेस में शामिल होने की बात कही है। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने पीटीआई (भाषा) को बताया कि ‘बसपा विधायकों ने उनसे मुलाकात की और विलय के बारे में एक पत्र उन्हें सौंपा।’
राज्य में बसपा के छह विधायक राजेंद्र सिंह गुढा (उदयपुर वाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर), लाखन सिंह (करौली), संदीप कुमार (तिजारा) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ बास) है। बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय से प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार और अधिक मजबूत और स्थिर हो जाएगी।
कांग्रेस में शामिल एक विधायक ने कहा कि उन्होंने ऐसा अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए किया है। कांग्रेस में शामिल हुए बीएसपी विधायक जोगिंदर सिंह ने इस पर बात की। राजेंद्र सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “हम सभी ने जरुरी कागजात सब्मिट कर दिए हैं। ढेर सारी चुनौतियां थीं। एक तरफ हम राज्य में कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे हैं और दूसरी तरफ हम उनके खिलाफ संसद चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में हमने हमारे निर्वाचन क्षेत्रों के विकास और राज्य के लोगों के कल्याण को देखते हुए यह कदम उठाया है।” (इंपुट: भाषा के साथ)