हिंसक हुआ मराठा आरक्षण आंदोलन: पुलिस जीप समेत कई गाड़ियों में लगाई आग, दो युवकों ने की खुदकुशी की कोशिश

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मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार (23 जुलाई) को प्रदर्शन के दौरान नदी में कूदकर एक युवक की खुदकुशी के विरोध में बुलाए गए महाराष्ट्र बंद मंगलवार (24 जुलाई) को हिंसक हो गया। औरंगाबाद में प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने ट्रकों में आगजनी की। इस बीच मंगलवार को दो और युवकों ने नदी में कूदकर जान देने की कोशिश की। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मराठा आंदोलनकारियों ने मंगलवार को महाराष्ट्र के कई जिलों में बंद बुलाया है।

Photo: DNAIndia

बता दें कि आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को एक युवक की खुदकुशी के बाद आंदोलन और भड़क गया है। आरक्षण देने की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन ने औरंगाबाद में हिंसक रूप ले लिया, जिसकी चपेट में आकर एक पुलिसकर्मी और दो अन्य लोग घायल हो गए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में मराठा क्रांति द्वारा विरोध प्रदर्शन किए गए। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने औरंगाबाद जिले के कैगांव में एक दमकल वाहन में आग लगा दी।

बता दें कि यहां एक 28 वर्षीय काकासाहेब दत्तात्रेय शिंदे ने सोमवार शाम आरक्षण की मांग को लेकर गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने युवक की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये परिवार को मदद का भरोसा दिया है साथ ही लोगों से हिंसा नहीं करने की अपील की है। मृतक के परिवार को मुआवजा और भाई को नौकरी देने का वादा प्रशासन की ओर से किया गया है।

शिंदे की मौत के प्रतिक्रियास्वरूप मंगलवार को राज्य में कई जगहों पर बंद किया गया, सड़क और रेल मार्गो में व्यवधान उत्पन्न किया गया। कई जगह जुलूस निकाले गए और आगजनी की घटनाएं हुईं। औरंगाबाद में दमकल विभाग के एक वाहन को लगा दिया गया और हिंगोली में भी एक पुलिस जीप में आग लगा दी गई। इस बीच कई मराठा समूहों ने नौ अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाने के लिए महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा है कि यदि बंबई हाई कोर्ट मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की अनुमति देता है तो प्रदेश में रिक्त 72 हजार पदों को भरते वक्त 16 प्रतिशत पद समुदाय के लोगों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। लेकिन 72 हजार सरकारी नौकरियों की भर्ती में मराठों के लिए 16 प्रतिशत पद आरक्षित रखने का फडणवीस का फैसला इस आग को ठंडा करने के बजाय और भड़का रहा है।

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