मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले गठबंधन की सहयोगी पार्टी नगा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान किया है। एनपीएफ के इस ऐलान के बाद भाजपा सरकार संकट में फंस गई है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक एनपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष मारुंग माकुंगा ने कहा कि, “हमने गठबंधन से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। इस निर्णय की घोषणा नागालैंड चुनावों के तुरंत बाद की जा सकती है।” समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एनपीएफ के प्रवक्ता अचुंबेमो किकोन ने कहा कि एनपीएफ ने एक लंबी बैठक के बाद राज्य मणिपुर से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।
वहीं, इस बारे में एनपीएफ चीफ टी आर जेलियांग ने ट्वीट करके कहा, पार्टी अधिकारियों और मणिपुर में एनपीएफ के विधायकों की मीटिंग के बाद हमने फैसला लिया है कि हम सैद्धातिंक रूप से मणिपुर की बीजेपी सरकार से लोकसभा चुनाव के बाद समर्थन वापस लेंगे। यह फैसला बीजेपी के उदासीन रवैये के चलते लिया गया है।
After an intense deliberation and review meeting with the party functionaries and the NPF MLAs of Manipur State, the NPF party has decided in principle to pull out our 4 NPF MLAs from the BJP led Govt. in Manipur headed by N Biren Singh soon after the LS election is completed.
— TR Zeliang (@TRZeliang) May 18, 2019
बता दें कि 60 सीटों वाले मणिपुर में एनपीएफ के चार विधायक हैं और बीजेपी के एन बीरेन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री हैं। गौरतलब है कि 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन अन्य पार्टियों के समर्थन से बीजेपी ने सरकार बना ली थी।
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस को 28, बीजेपी को 21, एनपीएफ को 4, एनपीईपी को 4, एलजेपी को एक, टीएमसी को एक और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली थी।