देश में एकतरफ जहां भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है वहीं अब जनसंघ ने इसे धार्मिक रंग देने की और माहौल को भड़काने की कोशिश की है जनसंघ टुडे ने सरकार से भारत के राष्ट्रीय ध्वज से ‘हरा’ रंग को निकालने की मांग की है।
जनसंघ की मासिक पत्रिका ‘जनसंघ टूडे’ के सितंबर के अंक में एक कवर स्टोरी प्रकाशित हुई है। इस कवर स्टोरी का टाइटल है ‘अबॉलिश माइनॉरटी कॉन्सेप्ट’ (अल्पसंख्यक अवधारणा को खत्म करो)।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, स्टोरी के साथ ही पत्रिका के कवर पेज पर राष्ट्रीय ध्वज की फोटो छपी है, जिसमें से ‘हरा’ रंग हटाकर उसकी जगह ‘केसरिया’ रंग रखा गया है। पत्रिका के संपादकीय में कहा गया है कि भारत में ‘अल्पसंख्यक अवधारणा’ की शुरूआत बंटवारे के बाद प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
संपादकीय में आगे लिखा गया है कि नेहरू की देन ‘अल्पसंख्यक अवधावरणा’ ने देश को एक बार फिर बांटने का काम किया है। जनसंघ की पत्रिका ‘जनसंघ टूडे’ ने अपने संपादकीय में लिखा है, ‘सावधान हो जाइए और अल्पसंख्यक अवधारणा को खत्म कीजिए, क्योंकि सभी एक बराबर हैं।’