संसद में लगातार हंगामे से लालकृष्ण आडवाणी दुखी कहा, सोचता हूं, इस्तीफा दे दूं

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आडवाणी ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद आक्रोश जताते हुए कुछ अन्य दलों के सदस्यों के साथ बातचीत में कहा,‘ मेरा तो मन कर रहा है कि इस्तीफा दे दूं।

उन्होंने कहा, ‘सदन में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा जरूर होनी चाहिए।’ भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘ चर्चा जरूर करें और कल चर्चा कर शांति से सदन को स्थगित कर दें बिना किसी जीत हार के।

लोकसभा में पिछले करीब तीन सप्ताह से जारी गतिरोध पर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा किए बिना यदि कल लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी तो ‘‘संसद हार जाएगी और हम सब की बहुत बदनामी होगी।

भाषा की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘सब को लगी है , मैं जीतू , मैं जीतू लेकिन यदि कल भी ऐसे ही हंगामे के बीच सदन स्थगित हो गया तो संसद हार जाएगी और हम सब की बहुत बदनामी होगी।’ विमुद्रीकरण के मुद्दे पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही करीब सवा 12 बजे स्थगित होने के बाद भी आडवाणी सदन में करीब 20 मिनट तक गंभीर चिंतन की मुद्रा में बैठे रहे।

सदन स्थगित होने पर तृणमूल कांग्रेस के इदरिस अली उनकी सीट पर गए और उन्हें प्रणाम किया। इस बीच विपक्ष के कुछ ओर सदस्य भी आडवाणी की सीट के पास आ गए। पत्रकार गैलरी में मौजूद पत्रकारों ने इदरिस अली के साथ बातचीत में आडवाणी को यह कहते हुए सुना कि उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से कहा था कि मेरा नाम लेकर लोकसभा अध्यक्ष से कहिए कि सत्ता पक्ष और कांग्रेस की ओर से किसी एक नेता को आज बुला लें और यह तय कर लें कि कल सदन चले।

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