बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग चल रहे लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) अपने ही विधायक से विधानसभा में राजग उम्मीदवार को समर्थन देने से नाराज हो गई है। पार्टी ने अपने विधायक से स्पष्टीकरण मांगा है।
बिहार विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए राजग की ओर से महेश्वर हजारी उम्मीदवार बनाए गए थे, जबकि विपक्षी दलों के महागठबंधन से भूदेव चौधरी मैदान में थे। जदयू के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी विधानसभा के उपाध्यक्ष चुने गए हैं। विधानसभा में बुधवार को हुई वोटिंग में उनके पक्ष में 124 सदस्यों ने वोट किया।
महेश्वर हजारी को राजग के घटक दलों भाजपा, जदयू, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा तथा विकासशील इंसान पार्टी के विधायकों का साथ तो मिला ही, साथ ही बिहार में लोजपा के एकमात्र विधायक मटिहानी से जीत कर आए राजकुमार सिंह ने भी वोट दिया।
कहा जा रहा है कि इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के धुर विरोधी लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान भड़क गए हैं। लोजपा के विधायक ने जेडीयू उम्मीदवार के लिए वोट कर दिया है जिसके बाद से बिहार की सियासत फिर से गरमा गई है।
पार्टी की ओर से राजकुमार सिंह से स्पष्टीकरण पूछा गया है। पार्टी के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण में विधायक राजकुमार सिंह से पूछा गया है कि उपाध्यक्ष पद के चुनाव जैसे महत्वपूर्ण विषय पर मतदान के पूर्व आपने पार्टी से विमर्श क्यों नहीं किया। इसे गंभीर मामला मानते हुए जल्द इससे संबंधित पार्टी को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।
हालांकि मीडिया से बातचीत में राजकुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने जेडीयू नहीं बल्कि एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया है। बिहार में एनडीए का चेहरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार है। केंद्र में एनडीए का चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। लोजपा भी एनडीए का हिस्सा है। लिहाजा उन्होंने एनडीए उम्मीदवार महेश्वर हजारी के पक्ष में मतदान किया।
उल्लेखनीय है कि, लोजपा विधायक राजकुमार सिंह ने कुछ दिन पहले ही मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी से मुलाकात की थी, तभी से लोजपा के विधायक और जदयू की नजदीकियों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। अब देखना है कि विधायक अपनी पार्टी को क्या जवाब देते हैं और पार्टी उनके जवाब से कितना संतुष्ट होती है। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)