नई दिल्ली। दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकी हमले के दौरान शहीद हुए लांस नायक गुलाम मोहिउद्दीन राठेर को अंतिम विदाई देने के लिए शुक्रवार(24 फरवरी) को कश्मीर में सड़कों पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। जब तिरंगे में लिपटा इस शहीद का शव उनके पैतृक गांव अनंतनाग के पंचपोरा पहुंचा तो पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई और उनके अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ पड़ा।
बता दें कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षाबलों के गश्ती दल पर आतंकवादियों ने गुरुवार(23 फरवरी) को हमला कर दिया। जिसमें तीन सैनिक शहीद हो गए थे। साथ ही इस गोलीबारी में एक स्थानीय महिला की भी मौत हो गई थी। 34 वर्षीय शहीद मोहिउद्दीन 4 जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री का हिस्सा थे।
कश्मीर में ऐसा शायद बरसों बाद ऐसा देखने को मिला है जब देश के लिए शहीद होने वाले किसी जवान को अंतिम विदाई देने हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। अक्सर तो ऐसा तब देखने में आता है जब आतंकियों का अंतिम संस्कार होता है और हजारों की भीड़ जुटती है।
लेकिन शुक्रवार को नजारा अलग था, जब राठेर का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा तो हजारों लोग नम आंखों से श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इससे पहले श्रीनगर में सेना के हेडक्वॉर्टर पर शहीद राठेर के श्रद्धांजलि समारोह में सेना प्रमुख बिपिन रावत भी शामिल हुए।
स्थानीय लोगों के मुताबिक मोहिउद्दीन हर किसी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उनके पिता मानसिक रोग के शिकार हैं, जबकि पिछले साल ही मां का ट्यूमर का ऑपरेशन हुआ था। वे अपने पीछे पत्नी और एक साल का बेटा छोड़ गए हैं। मोहिउद्दीन अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले थे।