उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलने वाली SUV में सवार भाजपा नेता सहित चार और लोगों को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी प्रशांत कुमार ने द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “आरोपी सुमित जायसवाल, शिशुपाल, नंदन सिंह बिष्ट और सत्य प्रकाश त्रिपाठी को लखीमपुर खीरी पुलिस और क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम ने गिरफ्तार किया है। सत्य प्रकाश त्रिपाठी के पास से लाइसेंसी रिवॉल्वर और तीन गोलियां बरामद की गई हैं।”
#UPDATE | Lakhimpur Kheri violence: Accused Sumit Jaiswal, Shishupal, Nandan Singh Bisht and Satya Prakash Tripathi arrested by Lahimpur Kheri Police and SWAT team of Crime Branch.
Licensed revolver and three bullets recovered from Satya Prakash Tripathi and seized. pic.twitter.com/q4cEWcjQoT
— ANI UP (@ANINewsUP) October 18, 2021
स्थानीय भाजपा नेता सुमित जायसवाल, जो एक वायरल वीडियो में किसानों को कुचलने वाले वाहनों के काफिले में मुख्य एसयूवी से भागते हुए देखा गया था, ने पहले अज्ञात किसानों के खिलाफ हत्या की एक जवाबी प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि उनके ड्राइवर, दोस्त और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को पीटा गया था। भारी पथराव और गलती से किसानों को टक्कर मारने के कारण उनके वाहनों के नियंत्रण खो देने के बाद उनकी मौत हो गई।
वायरल वीडियो में, जायसवाल को थार एसयूवी से निकलकर भागते हुए देखा गया, जो पीछे से प्रदर्शनकारी किसानों को टक्कर मार रही थी।
गौरतलब है कि, तीन अक्टूबर को तीन वाहनों के काफिले ने चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया था, जिनमें से एक कार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की भी थी। मिश्रा के बेटे आशीष को घटना से संबंधित हत्या में नामित होने के पांच दिन बाद 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। आशीष की गिरफ्तारी 12 घंटे की पुलिस पूछताछ के बाद हुई थी।मारे गए किसानों के परिवारों ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि आशीष उस लीड एसयूवी के अंदर था जिसने किसानों को कुचल दिया था।
इस घटना को लेकर तीन अक्टूबर को तिकोनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बाद में सुमित जायसवाल की शिकायत के आधार पर उसी थाने में काउंटर एफआईआर दर्ज की गई, जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है। सुमित जायसवाल ने यह भी दावा किया था कि प्रदर्शनकारियों ने आशीष मिश्रा के काफिले पर हमला किया था।
आशीष मिश्रा ने इस आरोप से इनकार किया है कि जब हत्याएं हुई थीं तब वह घटनास्थल पर था; उसने दावा किया है कि वह अपने पैतृक गांव (करीब दो किमी दूर) में था और पूरे दिन वहीं रहा।