केंद्र की नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने दावा किया है कि मानव के क्रमिक विकास का चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत ‘वैज्ञानिक रूप से गलत है।’ साथ ही डार्विन के सिद्धांत को खारिज करते हुए उन्होंने स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में इसमें बदलाव की भी वकालत की। सत्यपाल सिंह ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कभी किसी बंदर के इंसान बनने का उल्लेख नहीं किया है।
PHOTO: GOOGLEडार्विन के सिद्धांत को गलत बताने वाले केंद्रीय मंत्री पर आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने चुटकी लेते हुए उन्हें इशारों ही इशारों में उन्हें बंदर करार दे दिया है। विश्वास ने हिंदुस्तान टाइम्स में छपी सिंह के बयान पर ट्वीट कर कहा कि, ‘हां, मिस्टर मिनिस्टर, कुछ बंदर हमेशा बंदर ही रहते हैं। इसे साबित करने के लिए आपका धन्यवाद।’
Yes Mr.Minister,Several Apes always remain Apes ?
Thanks for proving ?? https://t.co/kMnYaClZjN— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 21, 2018
बता दें कि समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार ऑल इंडिया वैदिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने मानव के क्रमिक विकास पर चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत को ‘वैज्ञानिक रूप से गलत’ बताया। यही नहीं, उन्होंने स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में इसमें बदलाव की भी हिमायत की। बता दें कि कुछ दिन पहले राजस्थान के शिक्षामंत्री ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का जनक न्यूटन की जगह भारतीय गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त को बताया था।
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि, ‘हमारे पूर्वजों ने कभी किसी एप (Ape) के इंसान बनने का उल्लेख नहीं किया है।’ उन्होंने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि, ‘(इंसानों के विकास संबंधी) चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत है। स्कूल और कॉलेज पाठ्यक्रम में इसे बदलने की जरूरत है। इंसान जब से पृथ्वी पर देखा गया है, हमेशा इंसान ही रहा है।’
उन्होंने कहा कि, ‘हमारे किसी भी पूर्वज ने लिखित या मौखिक रूप में एप को इंसान में बदलने का जिक्र नहीं किया था।’ केंद्रीय का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लोग इस पर तरह-तरह का मजाकिया जोक्स बना रहे हैं। एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा है, ‘इंसान को बंदर बनते सब देख रहा हैं।’
इंसन कों बंदर बनतें सब देंख रहा हैं??
— Naushad Hindustani (@khan_naushad) January 21, 2018
जिस तरह चायवाले को किसी ने चाय बेचते नहीं देखा!
??— Abhay Singh (@abhaysingh75) January 21, 2018
Bharat me bohot research ho rahi he aajkal.. koi kuch bhi theory de sakta he..?
— I khan (@Irshan_khan) January 21, 2018
इ स्कुल गया हि नही बुङबक
— Ansari imtiaz Alhind (@alhind_ansari) January 21, 2018
lekon zee news ke bahar pakode bante dekhe hai, hahahaha
— Sattu (@SatpalGahlot) January 21, 2018
सर,इसका तात्त्पर्य दिल्ली वाले एक मात्र ईमानदार से तो नहीं !?
— राहुल उपाध्याय (@Rahul0427111) January 21, 2018
@htTweets
पानी मर्यादा तोड़े तो "विनाश" और वाणी मर्यादा तोड़े तो "सर्वनाश" !!— A.Deep꧁❀Singh is King❀꧂ (@adeep_84) January 21, 2018
आप बन्दरों का अपमान कर रहे हैं sir
अपने शब्दों को वापिस लीजिए
बन्दर ज्यादा समझदार होते हैं
और मासूम भी?— VIVEK SHARMA (@VIVEK01SHARMA) January 21, 2018