राजस्थान में लोकसेवकों पर मुकदमे से पहले राज्य सरकार की मंजूरी लेने के अध्यादेश पर सियासत गरमा गई है। जहां एक ओर सरकार का तर्क है कि इससे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को बेवजह परेशान करने से निजात मिलेगी, वहीं विपक्ष ने इसे भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाला कदम करार दिया है।इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की तुलना उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से की है। कुमार विश्वास ने कहा है कि महारानी वसुंधरा राजे अभी तक यह भूल नहीं पाई हैं कि राजतंत्र खत्म हो चुका है वो महिला किम जोंग की तरह काम कर रही हैं।
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कुमार ने कहा कि उन्होंने (वसुंधरा) अपने और अपने अधिकारियों का भ्रष्टाचार छिपाने के लिए एक ऐसा प्रस्ताव लाई हैं कि मुझे लगता है कि उनती तुलना महिला किम जोंग उन से की जानी चाहिए। कुमार ने कहा कि राजस्थान सरकार का यह फैसला भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ है, जिसका विरोध होना चाहिए।
जो ऑर्डिनेंस वसुंधरा राजे जी ले कर आई है, मुझे लगता है कि उनकी तुलना महिला किम जॉन के रूप मे होनी चाहिए ~ @DrKumarVishwas pic.twitter.com/eDX4xoa0Vp
— KV Updates (@KVupdates) October 21, 2017
कुमार ने राजस्थान सरकार को धमकी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया तो इसके खिलाफ राज्य भर में आंदोलन किया जाएगा। इस बीच ट्विटर पर रविवार (22 अक्टूबर) सुबह से ही #तुगलकी_महारानी ट्रेन कर रहा है। इस हैशटैग के साथ कुमार विश्वास सहित तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता वसुंधरा सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
राहुल गांधी बोले- ये 21वीं शताब्दी है, 1817 नहीं
इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वसुंधरा सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने रविवार (22 अक्टूबर) को इंडियन एक्सप्रेस के एक खबर को शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा है, ‘मैडम चीफ मिनिस्टर, हम 21वीं सदी में रह रहे हैं। यह साल 2017 है, 1817 नहीं।’
Madam Chief Minister, with all humility we are in the 21'st century. It's 2017, not 1817. https://t.co/ezPfca2NPS
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 22, 2017
दरअसल, 1817 का जिक्र करने की एक वजह है। रिपोर्ट के मुताबिक 1794 से लेकर 1827 तक ग्वालियर में दौलतराव सिंधिया का शासन था। 1816 में अंग्रेजों ने पिंडारियों के दमन के लिए सिंधिया घराने से सहयोग करने को मांगा। कुछ समय तक सिंधिया घराना अंग्रेजों के आमंत्रण पर ऊहापोह की स्थिति में रहा, अगले साल 1817 में पूर्ण सहयोग का वादा करते हुए ग्वालियर की संधि हुई। इसी संधि के जरिए राहुल ने वसुंधरा सरकार पर हमला बोला है।
क्या है राजस्थान सरकार के अध्यादेश में?
दरअसल, राजस्थान सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर दंड प्रक्रिया संहिता व भारतीय दंड संहिता में संशोधन किया है जिसके तहत राज्य सरकार की मंजूरी के बिना शिकायत पर जांच के आदेश देने और जिसके खिलाफ मामला लंबित है, उसकी पहचान सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी गई है।
अध्यादेश के अनुसार, राज्य सरकार की मंजूरी नहीं मिलने तक जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाना है, उसकी तस्वीर, नाम, पता और परिवार की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकेगी। इसकी अनदेखी करने पर दो साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
गत सात सितंबर को जारी अध्यादेश के अनुसार, सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत अदालत शिकायत पर सीधे जांच का आदेश नहीं दे पाएगी। अदालत, राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही जांच के आदेश दे सकेगी। अध्यादेश के तहत राज्य सरकार की मंजूरी के बिना लोक सेवकों के खिलाफ पुलिस ना कोई मुकदमा दर्ज कर सकेगी, ना ही जांच कर सकेगी, ना ही मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे सकेगा।