दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के उप कुलपति को चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्नातक परीक्षा के शैक्षिणिक रिकार्ड को सार्वजनिक करने की मांग की है। इसके साथ हीे मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अंदेशा जताया कि कहीं उनके शैक्षिणिक दस्तावेजों को नष्ट करने की साजिश तो नहीं चल रही हैं।
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के उप कुलपति को चिट्ठी लिखकर कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की डिग्री का विवाद बना हुआ है। प्रश्न उठ रहा है कि क्या उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. की डिग्री की थी अथवा नहीं?
कहा जा रहा है कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कोई डिग्री प्राप्त नहीं की। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली विश्वविद्यालय के रिकार्ड में न ही उनका एडमिशन फार्म है, न ही मार्कशीट है, न ही डिग्री की जानकारी है और न ही अन्य रिकार्ड में उनका नाम है।
यह अत्यंत गम्भीर विषय है। क्योंकि गुजरात विश्वविद्यालय का कहना है कि उन्होंने वहां से एम.ए. किया है। अगर उन्होंने बी. ए. ही नहीं किया तो उनको एम. ए. में दाखिला कैसे मिल गया? इससे संदेह पैदा होता है कि तब तो एम. ए. की डिग्री फर्जी है।
अंग्रेजी के एक दैनिक अखबार ने खबर छापी है कि प्रधानमंत्री की डिग्री सुरक्षित नहीं है और कोई भी एक्सीडेंट हो सकता है। इससे यह शक पैदा होता है कि क्या एक्सीटेंड करवाने की तैयारी की जा रही है और उसके लिए भूमिका बनाई जा रही है?
आपसे निवेदन है कि इन सभी दस्तावेंजों के हिफाजत के लिए उचित कदम उठाएं बेहतर होगा कि अगर ये सारे दस्तावेज तुरंत वेबसाइट पर डाल दिये जाए। इस देश के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि उनके प्रधानमंत्री कितने पढ़े हुए है? और यदि प्रधानमंत्री की डिग्री पर इतने गम्भीर आरोप लगते है तो सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।
अभी दिल्ली विश्वविद्यालय की और से कोई जवाब मुख्यमंत्री को नहीं मिला है लेकिन चारों और से उठते प्रश्नों पर अब शायद प्रधानमंत्री ही सच्चाई जनता को बता सकें कि उनकी शैक्षिणिक योग्यता की वास्तविकता क्या है?