कठुआ गैंगरेप-हत्या मामला: महबूबा मुफ्ती ने हाईकोर्ट से फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का किया आग्रह, आरोपी पुलिसवालों को किया बर्खास्त

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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले की सुनवाई के लिए आज जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर ‘फास्ट ट्रैक’ कोर्ट गठित करने का अनुरोध किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में मुख्य न्यायाधीश से फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि यह अदालत 90 दिनों में मामले की सुनवाई पूरी कर लेगी और राज्य में यह इस तरह की पहली अदालत होगी। उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों को खारिज करने के लिए जम्मू के लोगों की सराहना भी की। 

(File/PTI)वहीं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार (14 अप्रैल) को बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या किए जाने के मामले में आरोपी चार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। बता दें कि महबूबा के पास गृह मंत्रालय का प्रभार भी है। समाचार एजेंसी IANS को सूत्रों ने बताया है कि राज्य सरकार ने मामले में आरोपी एक उप निरीक्षक, एक हवलदार और दो विशेष पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है।

BJP मंत्रियों का इस्तीफा

महबूबा सरकार ने यह कदम बीजेपी के दो मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा के इस्तीफे के एक दिन बाद उठाया है। दोनों ही गठबंधन सरकार में मंत्री थे। दोनों मंत्री कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले के आरोपियों के समर्थन में निकाली गई रैली में शामिल हुए थे। इन दोनों मंत्रियों ने शुक्रवार (13 अप्रैल) को अपने-अपने इस्तीफे राज्य बीजेपी अध्यक्ष को भेज दिया था, जिसे उन्होंने सीएम महबूबा मुफ्ती को भेज दिया।

बीजेपी कोटे के इन दोनों मंत्रियों पर आरोप है कि वे लोग आरोपियों का बचाव करने वाले हिन्दू एकता मंच की रैली में शामिल हुए थे। विवाद बढ़ने के बाद कठुआ मामले के विरोध में हुई रैली में शामिल होने के बाद शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के दोनों मंत्रियों- चौधरी लाल सिंह और चंदर प्रकाश गंगा ने पद से इस्तीफा दे दिया। यह मंच मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहा है।

बता दें कि बकरवाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली नाबालिग बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण हुआ था। आरोप है कि उसे कठुआ जिले के रसाना गांव के एक मंदिर में रखा गया था, जहां आरोपियों ने करीब एक सप्ताह तक उसके साथ गैंगरेप किया और नशीली पदार्थ खिलाकर रखा। बाद में आरोपियों ने बच्ची को मार डाला और उसका चेहरा पत्थरों से कुचल कर शव जंगल में फेंक दिया था। पूरे देशभर में इस नृशंस हत्या की कड़ी निंदा हो रही है और विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।

महबूबा ने साथ देने के लिए देश को कहा शुक्रिया

मुख्यमंत्री ने सांप्रदायिक ताकतों को खारिज करने और कठुआ में आठ वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार एवं हत्या मामले में न्याय के लिए जम्मू के लोगों के समर्थन के लिए उनकी सराहना की। महबूबा ने एक ट्वीट में कहा कि, ‘जम्मू के लोगों ने जिस तरह से सांप्रदायिक ताकतों को खारिज किया और एक नन्ही बच्ची को अपना समर्थन दे रहे हैं, उसकी मैं सराहना करती हूं।’ उन्होंने कहा, ‘इसने मेरे विश्वास को मजबूत किया है कि जम्मू समावेशी संस्कृति के एक मॉडल का काम करता है और एक साथ जम्मू-कश्मीर के लोग धर्मनिरपेक्ष एकता और नैतिक बुलंदी को प्रेरित करते हैं।

परिजन बोले, दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी हो

कठुआ जिले के बहुचर्चित बलात्कार और हत्याकांड की आठ वर्षीय पीड़िता के परिवार की मांग है कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। पीड़िता की मां ने कहा, ‘वह बहुत खूबसूरत और समझदार थी। मैं चाहती थी कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बने।’ शोक में डूबी पीड़िता की मां ने दोषियों के लिए मौत की सजा की मांग की। उन्होंने कहा, ‘मेरी एक ही इच्छा है कि दोषियों को इस जघन्य अपराध के लिए फांसी दी जाए, ताकि किसी और परिवार को इससे गुजरना नहीं पड़े।’

कठुआ जिले के रसाना गांव में पीड़िता के मामा-मामी ने उसे तब गोद लिया था जब वह एक साल की थी। अब भी सदमे में नजर आ रही पीड़िता की मां ने अपनी बच्ची को अपने भाई के घर छोड़ने के लिए खुद को कोसा। उन्होंने कहा, ‘उसे मारा क्यों गया? वह तो मवेशियों को चरा रही थी और घोड़ों की देखभाल कर रही थी। वह आठ साल की थी। उन्होंने इतने बुरे तरीके से उसे क्यों मारा?

 

 

 

 

 

 

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