‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ बनी संजय लीला भंसाली की फिल्म का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। करणी सेना सहित अन्य संगठन देश अलग-अलग हिस्सों में इसका अभी भी जोरदार तरीके से विरोध कर रहे हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के रतलाम जिले की एक घटना सामने आई, जहां एक स्कूल में फिल्म के गाने ‘घूमर’ चलाए जाने के विरोध में तोड़फोड़ की गई। आरोप है कि स्कूल में फिल्म के गाने ‘घूमर’ बजाए जाने के विरोध में करणी सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ की गई।
नई दुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक जावरा में रतलामी नाका के पास स्थित सेंट पॉल कॉन्वेंट स्कूल में सोमवार (15 जनवरी) को वार्षिकोत्सव में डांस प्रतियोगिता के दौरान घूमर गीत बजने पर जमकर हंगामा हुआ। आरोप है कि स्कूल में बच्चे ‘घूमर…’ गाने पर डांस परफॉर्मेंस कर रहे थे, इसी दौरान करणी सेना के 20- 25 लोग स्कूल पहुंचे और विवाद कर तोड़फोड़ की। एक बालक और पालक के साथ मारपीट भी की गई।
#MadhyaPradesh: A school allegedly vandalised by Karni Sena after students performed on song 'Ghoomar' from #Padmaavat during their annual function earlier today in Ratlam's Jaora, 1 student injured. Police reached the spot later. pic.twitter.com/ZuQ6K42Yuv
— ANI (@ANI) January 15, 2018
इसमें बालक को चोट आई है। घटना से बच्चे और बालक भयभीत हो गए और खेतों में भाग निकले। सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी दल के साथ मौके पर पहुंचे, तब तक तोडफोड़ करने वाले भाग चुके थे। पुलिस ने स्कूल प्रशासन की शिकायत पर मामला दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में पद्मावती फिल्म का विरोध करने पर इस फिल्म का नाम पद्मावत रखा गया है।
‘पद्मावत’ के निर्माताओं ने विज्ञापन से दी सफाई
फिल्म ‘पद्मावत’ के निर्माताओं ने अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर सोमवार (15 जनवरी) को एक विज्ञापन देकर स्पष्ट किया है कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच कोई दृश्य नहीं है। इसके साथ ही दावा किया गया है कि यह एक ऐसी फिल्म है, जिस पर प्रत्येक भारतीय गर्व करेगा। यह विज्ञापन फिल्म के निमार्ताओं-भंसाली प्रोडक्शंस व वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स द्वारा आधिकारिक रूप से फिल्म की रिलीज तिथि 25 जनवरी घोषित किए जाने के एक दिन बाद आया है।
फिल्म निर्माता ने यह स्पष्ट किया कि फिल्म महाकाव्य पद्मावत पर आधारित है, जिसकी रचना सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने की थी, जो काल्पनिक है। फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी व रानी पद्मावती के बीच कोई दृश्य नहीं फिल्माया गया है। उन्होंने कहा कि हमने यह फिल्म राजपूतों की वीरता, विरासत व साहस की प्रसिद्धि के लिए बनाई है। फिल्म रानी पद्मावती को पूरे सम्मान के साथ प्रदर्शित करती है और किसी भी तरीके से उनके चरित्र या उनकी छवि को धूमिल नहीं करती है।
Rifat Jawaid on the revolt by Supreme Court judges
Posted by Janta Ka Reporter on Friday, 12 January 2018
बता दें कि फिल्म को सीबीएफसी द्वारा सिर्फ पांच संशोधनों के साथ मंजूरी दी गई और इसे भारत में यू/ए प्रमाण-पत्र के साथ आधिकारिक रूप से स्वीकृति दी गई है। फिल्म में आगे कोई कट या संशोधन नहीं है। फिल्म निमार्ताओं ने फिल्म के विज्ञापन के अंत में कहा कि पद्मावत एक ऐसी फिल्म है, जिस पर हर भारतीय गर्व करेगा। इसका अनुभव करने के लिए आप 25 जनवरी को नजदीकी थिएटर में जाएं।