ज्वाला गुट्टा ने पद्म पुरस्कार पर उठाए सवालिया निशान, पुछा सिफारिश और आवेदन क्यों जरूरी है?

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बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा को उनके बोल्ड अवतार के लिए तो जाना ही जाता है लेकिन देश को कई पदक दिलाने के कारण भी वह चर्चित है। इस बार के पद्म पुरस्कारों की लिस्ट में उनका नाम ना शामिल होने पर गुट्टा ने कई सवालिया निशान पद्म पुरस्कारों के चयन को लेकर लगाए है।

राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता रह चुकी देश की अग्रणी बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने पद्म पुरस्कारों में शामिल न होने के कारण अपनी फेसबुक वाॅल से अपने दुख का इजहार किया है। उन्होंने लिखा है कि मुझे हमेशा आश्चर्य होता था कि देश के सबसे प्रतिष्ठित पद्म अवार्डो के लिए आवेदन करना होता है। लेकिन जब एक प्रक्रिया बनाई ही गई है तो मैंने भी आवेदन कर दिया। लेकिन एक बार फिर से मुझे निराश होना पड़ा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चयन प्रक्रिया को लेकर ज्वाला कहती है कि क्या ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल में लगातार दो पदक काफी नहीं हैं? विश्व चैम्पियनशिप में मेरा पदक काफी नहीं है? इसके बाद ज्वाला गुट्टा आगे लिखती है कि मुझे लगता है कि इसके लिए केवल आवेदन करना ही पर्याप्त नहीं होता।

आपको सिफारिशों की जरूरत होती है। इसकी सिफारिश कि आप इस सम्मान के लिए योग्यता रखते है। लंबी प्रक्रिया चलती है। लेकिन मेरा सवाल यह है कि इस सम्मान के लिए मुझे आवेदन करने और अनुसंशा के लिए अनुरोध करने की जरूरत क्यों है। क्या मेरी उपलब्धियां ही काफी नहीं हैं?

आपको बता दे कि ज्वाला गुट्टा ने 17 साल की उम्र में जूनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती थी। इसी साल उन्होंने श्रुति कुरियन के साथ डबल्स में जोड़ी बनाते हुए महिलाओं के डबल्स जूनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप और सीनियर नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीत हासिल की।

श्रुति कुरियन के साथ उनकी जोड़ी काफी लंबे समय तक चली। 2002 से 2008 तक लगातार सात बार ज्वाला गुट्टा ने महिलाओं के नेशनल युगल प्रतियोगिता में जीत हासिल की है। इसके अलाव वह अर्जून अवार्डी भी है।

इस बार के पदम् पुरस्कारों मेें जिन खिलाड़ियों को जगह मिली है उनमें क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, हॉकी टीम के कप्तान पी.आर. श्रीजेश, रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक, पैरालम्पिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली दीपा मलिक और स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन थंगावेलु, महिला जिम्नास्ट दीपा कर्माकर, चक्का फेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा, दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के कप्तान शेखर नाइक के नाम पद्मश्री पुरस्कार के लिए घोषित किए गए हैं।

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