RSS की संस्थाओं को दी गई ज़मीनें यूपीए-1 ने की थी रद्द, मोदी सरकार ने किया बहाल करने का फैसला

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वाजपेयी सरकार के दौरान आवंटित की गई लगभग दो दर्जन से अधिक धार्मिक, सामाजिक और शैक्षिक संगठन,भूमि  जिन्हे यूपीए-1 की सरकार बनते ही रद्द कर दिया गया था मोदी सरकार ने फिर से बहाल करने का फैसला लिया है। जिन संस्थाओं को ये जमीने दी गई हैं उनमें से अधिकतर संघ से जुड़े लोग हैं।

कैबिनेट की मंजूरी देते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने टाइम्स अॉफ इंडिया से बात करते हुए बताया कि वो जमीन साल 2000-01 के दौरान सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं को दी गई थी। लेकिन यूपीए-1 की सरकार ने सत्ता में आकर इन्हें रद्द कर दिया। जिसके बाद आवंटियों ने इसे अदालत में चुनौती दी।

उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार ने कैबिनेट के इस फैसले को सार्वजनिक नहीं किया है क्योंकि इसे अन्य फैसलों के साथ ही मीडिया को बताया जाएगा।

नायडू ने कहा कि एनडीए के सत्ता में आने के बाद इन संस्थाओं ने प्रतिनिधि बनाए और मंत्रालय ने इस मामले को देखने के लिए दो रिटायर्ड सचिवों का एक पैनल बनाया गया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार का फैसला भेदभाव भरा था। उन्होंने कहा कि इस मामले को मैंने कैबिनेट में उठाया और इसके बाद कुछ को छोड़कर बाकी सभी को जमीन आवंटित कर दी गई। यूपीए सरकार ने यह कहते हुए 29 संस्थाओं का जमीन आवंटन रद्द कर दिया था कि प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ियां हैं। यूपीए ने इस मामले की जांच रिटायर्ड आईएएस अफसर योगेंद्र चंद्रा को सौंपी थी, जिन्होंने करीब 100 मामलों की जांच की थी। सूत्रों ने कहा कि जिन संस्थाओं को जमीन वापस मिली है उनमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी समिति न्यास, विश्व संवाद केंद्र, धर्मयात्रा महासंघ और अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम शामिल है।

उसके बाद हम सत्ता में आए हैं, इन संगठनों अभ्यावेदन बना दिया और मेरे मंत्रालय पूरे मुद्दे पर गौर करने के लिए दो सेवानिवृत्त सचिवों का एक पैनल नियुक्त किया है। यह पाया गया कि संप्रग सरकार के फैसले में भेदभाव नहीं था। मैं मंत्रिमंडल के मामले को ले लिया और आवंटन की बहाली है उनमें से एक जोड़ी को छोड़कर सभी मामलों में मंजूरी दे दी गई, “नायडू ने कहा।

यूपीए सरकार ने 29 संगठनों को अनियमितताओं के चलते भूमि आवंटन रद्द कर दिया था। यूपीए सरकार ने इस मामले की जांच रिटायर्ड आईएएस अफसर योगेंद्र चंद्रा को सौंपी थी, जिन्होंने करीब 100 मामलों की जांच की थी। सूत्रों ने कहा कि जिन संस्थाओं को जमीन वापस मिली है उनमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी समिति न्यास, विश्व संवाद केंद्र, धर्मयात्रा महासंघ और अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम शामिल है।

 

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