जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के बाद हो रहे इस पहले चुनाव पर देश भर की निगाहें हैं। राजनीतिक रूप से सक्रिय यूनिवर्सिटी में करीब 35 उम्मीदवारों के चुनावी भविष्य का फैसला होगा। हाल के महीनों में यूनिवर्सिटीज़ कैम्पस में हुए विवादों की छाया में यह चुनाव हो रहा है और लोगों की नजरें इस पर लगी हुई हैं।
वामपंथ विचारधारा रखने वाले लोगों का जेएनयू में हमेशा से ही दबदबा रहा है लेकिन जब से मोदी सरकार आई तब से एबीवीपी ने भी जीत का स्वाद चखा है।
आपको बता दें कि जेएनयू चुनाव में मतगणना का सिलसिला लगातार जारी हैं, शुरूआती रुझानों में एबीवीपी की वापसी हो रही थी, लेकिन एक बार फिर जेएनयू के छात्रों ने फासिस्ट राजनीति को नकार दिया हैं, बापसा को जनता ने पूरी तरह से खारिज नहीं किया है, कुल मिलाकर मोदी नाम की पालिट्क्स फीकी पड़ती नज़र आ रही है।
जेएनयू के एक छात्र श्याम ने जनता का रिर्पोटर से फोन पर बात करते हुए बताया, ‘केन्द्र में बैठी मोदी सरकार की भगवा राजनीति की चाल जेएनयू में नहीं चलेगी, ये बात पूरे हिंदुस्तान को समझना होगा और इनके नापाक इरादों को सिरे से नकारना होगा’।
SSS की छात्रा आशिमा ने बताया कि पूरा जेएनयू लाल सलाम के नारों से गूंज गया है, और एक बार फिर जेएनयू को देश द्रोहियों का अडड़ा कहने वाले और बदनाम करने के मंसूबों पर पानी फिरने वाला है, फिलहाल दोपहर के भोजन की वजह से काउंटिंग रुकी हुई है।
गौरतलब है कि बीते साल जेएयू छात्रसंघ सुर्खियों में रहा लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियों में लगा जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार का मामला जब देश-विरोधी नारे लगाने के बाद कन्हैया कुमार पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था।
जेएनयू की छात्र राजनीति की देशभर में चर्चा होती है। इसकी वजह ये नहीं है कि यहां वामपंथी संगठनों का दबदबा रहता है बल्कि यहां चुनाव का तरीका ही अलग है, कैंपस में जगह जगह दीवारों पर हर मुद्दे पर छात्र संगठन अपनी राय जाहिर करते हैं, जहां देश के बाकी विश्वविद्यालयों में पैसा, दबंगई और पहुंच वाले चुनाव जीतने के जरूरी फेक्टर होते हैं वहीं विचारों के दम पर चुनाव जीते जाते हैं।
लंच के बाद के चुनावी आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं।
प्रेसीडेन्ट
आईसा-एसएफआई-427
बापसा-279
एबीवीपी-113
वाईस प्रेसीडेन्ट
आईसा-एसएफआई-525
बापसा-113
एबीवीपी-128
जनरल सेकेट्ररी
आईसा-एसएफआई-509
बापसा-152
एबीवीपी-162
जाइंट सेकेट्ररी
आईसा-एसएफआई-बापसा-85
एबीवीपी-99
डीएसफ-310