गुजरात के निर्दलीय विधायक और दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवाणी मंगलवार (9 जनवरी) को प्रस्तावित संसद मार्ग से प्रधानमंत्री निवास तक ‘युवा हुंकार रैली’ करने वाले हैं। हालांकि दिल्ली पुलिस द्वारा अभी तक रैली की इजाजत नहीं मिली है। हालांकि इजाजत नहीं मिलने के बावजूद जिग्नेश मेवाणी और उनके समर्थक रैली करने पर अड़ गए हैं। इसके मद्देनजर पार्लियामेंट स्ट्रीट पर दिल्ली पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है।
File Photo: The Indian Expressदिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि कल दिल्ली में संसद मार्ग पर रैली के लिए वडगाम के विधायक जिग्नेण मेवाणी के अनुरोध को अबतक मंजूर नहीं किया गया है। पुलिस ने पहले कहा था कि मेवाणी के आग्रह पर विचार किया जा रहा है। जिग्नेश मेवाणी की युवा हुंकार रैली से पहले पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर दी है।
Delhi: Heavy security deployed ahead of Jignesh Mevani's 'Yuva Hunkar Rally' to be held at Parliament Street. Delhi Police has denied permission to hold the event. pic.twitter.com/7Q8CO9tqVg
— ANI (@ANI) January 9, 2018
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने सोमवार रात रात ट्वीट किया, संसद मार्ग पर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को एनजीटी के आदेश के मद्देनजर अबतक मंजूरी नहीं दी गई है। आयोजकों को वैकल्पिक जगह पर जाने की सलाह दी गई है जो वे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
No permission granted so far by Delhi Police to hold proposed protest at Parliament Street in view of NGT orders. Organisers have been constantly advised to go to alternate site which they are reluctant to accept. @PTI_News @ANI @htTweets @TOIIndiaNews @NavbharatTimes @DDNational
— DCP New Delhi (@DCPNewDelhi) January 8, 2018
एनजीटी ने पिछले साल पांच अक्तूबर को अधिकारियों को जंतर मंतर रोड पर धरना, प्रदर्शन, लोगों के जमा होने, भाषण देने और लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल संबंधी गतिविधियां तत्काल रोकने का आदेश दिया था। हालांकि पुलिस की दलील का मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने विरोध किया है। उन्होंने काउंटर करते हुए कहा कि एनजीटी का आदेश जंतर-मंतर के लिए है, न कि पार्लियामेंट स्ट्रीट के लिए।
Please don't mislead people @DCPNewDelhi.NGT orders are for Jantar Mantar, not Parliament St. SC has always held right to peaceful protest meetings is a fundamental right. Any attempt by police to stop the #YuvaRally tomorrow will be undemocratic & violation of fundamental rights https://t.co/lMo5LOxK91
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 8, 2018
उन्होंने कहा कि अगर पुलिस रैली को रोकती है तो यह अलोकतांत्रिक और मौलिक अधिकारों का हनन होगा। वहीं आयोजकों ने इस बात की पुष्टि की कि वे अपनी योजना पर आगे बढेंगे। नई दिल्ली डीसीपी के इस ट्वीट के बाद हुंकार रैली का आयोजन कर रहे लेफ्ट संगठन इसके विरोध में उतर आए। जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष और लेफ्ट छात्र नेता शहला राशिद ने ट्विटर पर ही अपने इरादे जाहिर कर दिए। डीसीपी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए शहला ने लिखा, ‘डीसीपी सर, रैली तो वहीं कराएंगे।’
DCP Sir, rally to wahin karayenge 🙂 https://t.co/UzC10xAPVg
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) January 8, 2018
बता दें कि सामाजिक न्याय रैली या युवा हुंकार रैली की योजना तैयार की गयी थी जिसे मेवाणी और असम के किसान नेता अखिल गोगोई को संबोधित करना है। आयोजकों में से एक और जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि इस कार्यक्रम को रोकने के लिए बहुत प्रयास किए जा रहे हैं और यहां तक कि कुछ मीडिया घराने गलत सूचना भी फैला रहे हैं कि रैली के लिए इजाजत नहीं दी गई है।
पांडेय ने पीटीआई को बताया कि दो जनवरी को रैली की घोषणा किए जाने के बाद से, मेवाणी को एक देशद्रोही और शहरी नक्सली बताने वाले पोस्टरों पर बहुत सारा पैसा खर्च किया गया है। उन्होंने कहा कि रैली पूर्व निर्धारित समय पर ही होगी। एक बयान में आयोजकों ने आज 12 बजे संसद मार्ग पर एकत्रित होने की अपील की है।
बता दें कि इस रैली का ऐलान करते हुए जिग्नेश ने कहा था कि हम पीएम मोदी से मिलने जाएंगे। उन्होंने कहा था कि हमारे एक हाथ में संविधान होगा और दूसरे हाथ में मनु स्मृति। मेवाणी ने कहा था कि ये रैली सामाजिक न्याय के लिए है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पुणे में भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर हुई हिंसा के मामले में जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसके बाद मेवाणी ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा था।