मशहूर गीतकार एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने गुरुवार (3 मई) को कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में लगी होना ‘‘शर्मिंदगी’’ की बात है। उन्होंने कहा कि लेकिन जो लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें उन मंदिरों का विरोध भी करना चाहिए जो गोडसे के सम्मान में बनाए गए हैं।पिछले कुछ दिनों से विश्वविद्यालय में जारी विवाद पर 73 वर्षीय लेखक ने ट्विटर के माध्यम से अपनी राय प्रकट की। बता दें कि विवाद तब शुरू हुआ जब अलीगढ़ से सांसद सतीश गौतम ने एएमयू के छात्र संघ कार्यालय की दीवारों पर पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगी होने पर आपत्ति जताई।
अख्तर ने ट्वीट कर लिखा, ‘‘जिन्ना अलीगढ़ में न तो छात्र थे और न ही शिक्षक। यह शर्म की बात है कि वहां उनकी तस्वीर लगी है। प्रशासन और छात्रों को उस तस्वीर को स्वेच्छा से हटा देना चाहिए। जो लोग उस तस्वीर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें अब उन मंदिरों के खिलाफ भी प्रदर्शन करना चाहिए जिन्हें गोडसे के सम्मान में बनाया गया।’
Jinnah was neither a student nor a teacher of Alig Its a shame that his portrait is there The administration n students should voluntarily remove it from there n those who were protesting against this portrait should now protest against the temples made to honour Godse.
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 3, 2018
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक एएमयू के प्रवक्ता शाफे किदवई ने यह कहकर तस्वीर लगी होने का बचाव किया कि तस्वीर वहां दशकों से लगी हुई है। किदवई ने कहा कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्य थे और उन्हें छात्र संघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। परंपरागत रूप से, छात्र संघ कार्यालय की दीवारों पर सभी आजीवन सदस्यों की तस्वीरें लगाई जाती हैं।
तस्वीर पर बढ़ा घमासान
विवाद के बाद बुधवार (2 मई) को परिसर में हिंसा भी हुई थी। एएमयू के छात्रों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे। इसमें कम से कम छह लोग घायल हुए थे। जिसके बाद यूनिवर्सिटी में घमासान बढ़ता ही जा रहा है। अब एएमयू छात्रसंघ ने पांच दिनों तक कक्षाओं के बहिष्कार का फैसला किया है। इसके साथ ही छात्रों ने मांग की है कि कैंपस में जबरन प्रवेश करके जिन्ना की तस्वीर हटाने का प्रयास करने वाले दक्षिणपंथी हिंदू कार्यकर्ताओं के खिलाफ न्यायिक जांच कराई जाए।
एएममयू छात्रसंघ के अध्यक्ष मकशूर अहमद उस्मानी ने आरोप लगाया है कि हिंदू जागरण मंच, हिंदू युवा वाहिनी और दूसरे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर भी हमले की तैयारी की थी। बाब-ए-सैयद गेट के पास जहां हिंसा हुई वहीं पास में एएमयू के गेस्ट हाउस में हामिद अंसारी ठहरे थे। उन्होंने कहा कि जब तक उन लोगों के साथ न्याय नहीं होता, यूनिवर्सिटी में कक्षाओं का बॉयकॉट जारी रहेगा।
छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू
एएमयू सूत्रों के मुताबिक एएमयू के छात्रों ने यूनियन हॉल में जिन्ना की तस्वीर लगी होने के विरोध में कैंपस में अंदर घुसकर छात्रों पर ही पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किए जाने के खिलाफ गुरुवार (3 मई) को बाबा-ए-सैयद गेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। पूरे कैंपस में रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की गई है। तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।एएमयू छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं की ओर से बुधवार को की गई हिंसा वहां गेस्ट हाउस में ठहरे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर हमले की साजिश का हिस्सा थी। वाहिनी के कार्यकर्ता गेस्ट हाउस तक पहुंच गए थे। यह पहले से तय हमला था।
भाषा के मुताबिक छात्र संघ ने यहां जारी एक बयान में कहा कि हिंदू युवा वाहिनी के लोगों के खिलाफ पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं किए जाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे एएमयू के छात्रों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किए जाने तक उसका धरना जारी रहेगा। लाठीचार्ज में घायल हुए छात्र संघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने कहा कि अगर सरकार की तरफ से इंसाफ के सारे दरवाजे बंद हो जाएंगे तो एएमयू के छात्र देश के सभी धर्मनिरपेक्ष संगठनों की मदद से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से गुहार लगाएंगे।
इस बीच, एएमयू के एक प्रवक्ता ने हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं पर आपत्तिजनक और भड़काऊ नारेबाजी करने का आरोप लगाते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, जिन्होंने एएमयू का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। हालात के मद्देनजर एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने बुधवार रात एक आपात बैठक की और एक प्रस्ताव भी पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने एक आपराधिक साजिश के तहत परिसर में घुसकर अराजकता फैलाई और पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय एएमयू के छात्रों पर ही लाठियां चलाईं। एसोसिएशन ने इस पूरी घटना के सूत्रधारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की है।
मालूम हो कि एएमयू के यूनियन हॉल में जिन्ना की तस्वीर लगाने से नाराज हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं का एक गुट बुधवार दोपहर लगभग दो बजे कुलपति के दफ्तर के पास जुटा था। ये लोग कैंपस के अंदर भी घुस गए थे। एएमयू छात्र संघ ने हिंदू युवा वाहिनी के प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। इस मांग के समर्थन में कैंपस के गेट पर जुटे एएमयू छात्रों की भीड़ को हटाने के लिए पुलिस के बलप्रयोग में एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी और छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष एम हुसैन जैदी समेत छह लोग घायल हो गए थे। इस बीच, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी को आजीवन सदस्यता देने के लिए आयोजित कार्यक्रम को तनाव के कारण रद्द कर दिया गया।