जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार ने बड़ी घोषणा की है। मोदी सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। शाह ने राज्यसभा में जम्मू और कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया।
गृहमंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह से विधानसभा नहीं होगी। शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधान के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे।’’
राज्यसभा में इस दौरान कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का विरोध करते हुए हंगामा किया और आसन के समक्ष धरने पर बैठ गये। इससे पहले सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक घंटे लंबी बैठक चली। समझा जाता है कि इस बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
बता दें कि रविवार देर रात से ही पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को श्रीनगर में नजरबंद कर दिया गया है। इसके साथ ही श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है। साथ ही घाटी में मोबाइल, इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
कश्मीर के ताजा अपडेटस के लिए जुड़े:
- राज्यसभा में NCP सांसद वंदना चव्हाण ने कहा- हमारी पार्टी इस बिल पर वोट नहीं करेगी।
- कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने राज्यसभा में कहा, “क्षण भर के लिए आप सोच सकते हैं कि आपने जीत हासिल कर ली है, लेकिन आप गलत हैं और इतिहास आपको गलत साबित करेगा। आने वाली पीढ़ियों को एहसास होगा कि संसद ने कितनी गंभीर गलती की है।”
- 70 साल से इस देश को इस फैसले का इंतजार हुआ है। धमकी दी जा रही थी कि धारा 370 को हाथ लगाया तो दंगे हो जाएंगे, कीजिए दंगे? ये धमकी भरी भाषा अब बंद होगी। गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के कड़े नेतृत्व में यह फैसला लिया गया: शिवसेना नेता संजय राउत
- बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का विरोध किया है। जेडीयू नेता केसी त्यागाी ने कहा, “हमारे प्रमुख नीतीश कुमार जेपी नारायण, राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नांडीस की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए हमारी पार्टी आज राज्यसभा में लाए गए विधेयक का समर्थन नहीं कर रही है। हमारी अलग सोच है। हम चाहते हैं कि धारा 370 को निरस्त न किया जाए।”
KC Tyagi, JD(U): Our chief Nitish Kumar is carrying forward the tradition of JP Narayan, Ram Manohar Lohia & George Fernandes. So our party is not supporting the Bill moved in the Rajya Sabha today. We have different thinking. We want that Article 370 should not be revoked. pic.twitter.com/AdyWWJJzgk
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- कश्मीर में 8 हजार अतिरिक्त जवान भेजे जाएंगे। इन्हें देश के अलग-अलग कोनों से (यूपी, ओडिशा, असम आदि) एयरलिफ्ट करके कश्मीर घाटी भेजा जाएगा।
- यह पहली बार नहीं है, कांग्रेस ने 1952 और 1962 में इसी तरह से अनुच्छेद 370 को संशोधित किया गया। इसलिए विरोध करने के बजाए चर्चा कीजिए और आपकी जो भी गलतफहमियां हैं उन्हें दूर करें। मैं आपके सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हूं: गृह मंत्री अमित शाह
HM Amit Shah: This is not the first time, Congress in 1952 and 1962 amended article 370 through similar process. So instead of protesting please let me speak and have a discussion, all your doubts and misunderstandings will be cleared, I am ready to answer all your questions. pic.twitter.com/jUcoLvbNFN
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- मैं लद्दाख के लोगों की ओर से इस फैसले का स्वागत करता हूं। लोग चाहते थे कि इसे केन्द्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया जाए। कश्मीर को लोगों की डोमिनेंस से लद्दाख की जनता मुक्ति चाहती थी: लद्दाख से बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंह नामग्याल
Jamyang Tsering Namgyal, BJP MP from Ladakh: I welcome the Bill on behalf of everyone in Ladakh. People there wanted the region to be a Union Territory. People in Ladakh wanted that the region be freed from the dominance & discrimination of Kashmir, that is happening today. pic.twitter.com/02LiyBlEa3
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- राज्यसभा में पीडीपी सांसद मिर मोहम्मद फयाज ने भारतीय संविधान की एक प्रति फाड़ दी जिसके बाद सभापति ने उन्हें सदन से बाहर जाने के लिए कहा। इसके विरोध में पीडीपी सांसदों ने सदन के बाहर प्रदशर्न किया और कुर्ता फाड़ दिया।
PDP's RS MPs Nazir Ahmad Laway&MM Fayaz protest in Parliament premises after resolution revoking Article 370 from J&K moved by HM in Rajya Sabha; The 2 PDP MPs were asked to go out of the House after they attempted to tear the constitution. MM Fayaz also tore his kurta in protest pic.twitter.com/BtalUZMNCo
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने का बीएसपी ने समर्थन किया। BSP सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने राज्सभा में कहा, “हमारी पार्टी पूरा समर्थन देती है। हम चाहते हैं कि विधेयक पारित हो। हमारी पार्टी धारा 370 विधेयक और अन्य विधेयक का कोई विरोध नहीं कर रही है।”
Satish Chandra Mishra, BSP MP, in Rajya Sabha: Our party gives complete support. We want that the Bill be passed. Our party is not expressing any opposition to Article 370 Bill & the other Bill. pic.twitter.com/ajRNKwsUlf
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जम्मू कश्मीर के नेतृत्व का 1947 में 2-राष्ट्र थ्योरी को खारिज कर भारत में शामिल होने का निर्णय उल्टा साबित हुआ। भारत सरकार का अनुच्छेद 370 को हटाने का और फैसला असंवैधानिक और अवैध है: महबूबा मुफ्ती
Today marks the darkest day in Indian democracy. Decision of J&K leadership to reject 2 nation theory in 1947 & align with India has backfired. Unilateral decision of GOI to scrap Article 370 is illegal & unconstitutional which will make India an occupational force in J&K.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019
- राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार दिए गए थे। उन्होंने कहा कि देश के कई नेताओं ने इसके लिए कुर्बानी दी थी। उन्होंने कहा कि हम संविधान के साथ खड़े हैं। आजाद ने कहा कि बीजेपी ने संविधान का मर्डर किया है। उन्होंने कहा कि जिस संविधान ने जम्मू-कश्मीर दिया है उसी संविधान का मोदी सरकार ने मर्डर किया है।
GN Azad,Cong: I strongly condemn the act of 2-3 MPs(PDP's Mir Fayaz and Nazir Ahmed Laway who attempted to tear constitution). We stand by the constitution of India. Hum Hindustan ke samvidhaan ki raksha ke liye jaan ki baazi laga denge, but today BJP has murdered constitution pic.twitter.com/wtswg0s7dK
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- इस बिल के लिए 12:30 बजे तक चर्चा का समय रहेगा। वोटिंग अलग से होगी: राज्यसभा सभापति
- धारा 370 हटा, जम्मू कश्मीर अब राज्य नहीं होगा। जम्मू कश्मीर विधायकों वाला केन्द्र शासित प्रदेश बनेगा। वहीं, लद्दाख को बिना विधायकों के केन्द्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा।
HM Amit Shah: Jammu and Kashmir to be a union territory with legislature and Ladakh to be union territory without legislature pic.twitter.com/nsEL5Lr15h
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- जम्मू कश्मीर को मिला केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा, जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग किया गया। लद्दाख अब एक अलग केन्द्र शासित प्रदेश होगा
- गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प राज्यसभा में पेश किए जाने के बाद सदन में जोरदार हंगामा हो रहा है। अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का संकल्प भी पेश किया है।
- जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस गैजेट नोटिफिकेशन को स्वीकार किया जाएगा, उस दिन से संविधान के अनुच्छेद 370 (1) के अलावा और कोई भी खंड लागू नहीं होंगे: अमित शाह
- विपक्षी पार्टियों के हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई स्थगित।
- गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370(1) के अलावा अनुच्छेद 370 के सभी खंड हटाने का संकल्प पेश किया
- जम्मू-कश्मीर में गृह मंत्री द्वारा आर्टिकल 370 हटाने के प्रस्ताव के बाद राज्यसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा।
- राज्यसभा में जैसे ही गृह मंत्री अमित शाह बोलने के लिए खड़े हुए विपक्ष ने हंगामा शुरू किया
- जम्मू कश्मीर पर बिल पेश करने पर सदन में हंगामा, विपक्षियों की मांग है कि सदन में सबसे पहले जम्मू कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की जाए।
- जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पेश करने से पहले राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, सबसे पहले जम्मू-कश्मीर पर चर्चा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में तीन-तीन पूर्व सीएम को नजरबंद किया गया है। राज्य में क्या हो रहा है, सबसे पहले इसपर चर्चा होनी चाहिए। इस सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह सब मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं और विपक्ष सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हैं।
Ghulam Nabi Azad,Congress in Rajya Sabha: Entire valley is under curfew, political leaders including three former chief ministers are under house arrest. There is a war like situation in the state, so this should be discussed on priority pic.twitter.com/pX2mbRKjV5
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- जम्मू-कश्मीर: लेह में लोग अपने दैनिक कामों को सामान्य रूप से करते हैं। स्कूल सामान्य रूप से खुले
#WATCH Jammu & Kashmir: Latest visuals from Leh. People carry out their daily chores normally. Classes in schools, colleges and other educational institutions resumed normally today. Restrictions under Section 144 CrPC have not been imposed in the region. pic.twitter.com/SD8FtNvuI3
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में 11 बजे और लोकसभा में 12 बजे बोलेंगे। बताया जा रहा है कि कश्मीर मुद्दें पर संसद को ताजा हालात के बारे में जानकारी देंगे। इस बीच पीएम मोदी के घर चल रही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म होग गई है।
Union Home Minister Amit Shah will speak in Rajya Sabha at 11 am and in Lok Sabha at 12 pm today. (file pic) pic.twitter.com/A6xdubx45x
— ANI (@ANI) August 5, 2019
- श्रीनगर में धारा 144 के बीच सुरक्षा कड़ी, आने-जाने वालों पर रखी जा रही है नजर
Jammu and Kashmir: Latest visuals from Doda; security forces have been deployed in the area. pic.twitter.com/K1ldQ73tCZ
— ANI (@ANI) August 5, 2019
Jammu and Kashmir: Latest visuals from various parts of Srinagar where section 144 CrPC has been imposed from midnight 5th August. pic.twitter.com/bFOeHnwh4O
— ANI (@ANI) August 5, 2019
#WATCH: Security forces deployed in Srinagar in view of the imposition of section 144 CrPC from midnight 5th August. pic.twitter.com/lXiuzB9rQJ
— ANI (@ANI) August 5, 2019
Jammu & Kashmir: Security tightened in Srinagar in view of the imposition of section 144 CrPC from midnight 5th August. pic.twitter.com/qErNGidUDi
— ANI (@ANI) August 5, 2019
नेताओं की नजरबंदी के अलावा श्रीनगर जिले में धारा 144 भी लगा दी गई है और स्कूल, कॉलेजों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से रोक दिए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं।
बता दें कि यह कदम ऐसे समय में आया है जब राज्य में भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है और तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को तुरंत कश्मीर छोड़ने के लिए कहा गया है।