जामिया विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में घुसने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज

0

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्रों के संघ ने मंगलवार (18 फरवरी) को पिछले साल 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में घुसने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि उनके खिलाफ हत्या के प्रयास और धर्म के अपमान का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

जामिया
फाइल फोटो

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) एवं जामिया नगर पुलिस थाने के प्रभारी (SHO) को दी अपनी शिकायत में संघ ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने पुस्तकालय के भीतर छात्रों पर लाठियां बरसाईं और धार्मिक गालियों का इस्तेमाल किया। शिकायतकर्ता ने कहा, ”पुलिस अधिकारियों/कर्मियों ने अपनी बर्बरता और गैरकानूनी आचरण के सबूतों को छिपाने और नष्ट करने के लिए जानबूझकर विश्वविद्यालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों को नष्ट करने की कोशिश की, जिनमें पुराने पुस्तकालय में स्थापित कैमरे भी शामिल हैं।”

शिकायत के अनुसार, लाइब्रेरी के अंदर मौजूद छात्र इमारत के दूसरे तलों पर भाग गए और प्रवेश द्वार पर बेंच और कुर्सियां ​​लगाकर कमरे को बंद करने की कोशिश की, ताकि अंधाधुंध और गैरकानूनी क्रूरता से खुद को बचाया जा सके। संघ ने मांग की कि पुलिसकर्मियों पर गंभीर आघात, आपराधिक धमकी, हत्या का प्रयास, जानबूझकर किए गए कार्यों से किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से आपराधिक प्रवृत्ति के आरोप लगाए जाए।

https://twitter.com/Jamia_JCC/status/1228772837583753216?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1228772837583753216&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.jantakareporter.com%2Fhindi%2Fdelhi-hc-seeks-response-of-centre-aap-police-on-injured-jamia-students-plea-for-compensation%2F282325%2F

वहीं, दूसरी ओर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की एक टीम ने मंगलवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय का दौरा किया। अधिकारियों के अनुसार पुलिस उपायुक्त (अपराध) राजेश देव के नेतृत्व में एक टीम ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का दौरा किया, जो पिछले साल कथित पुलिस कार्रवाई के दौरान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हिंसक घटना के बाद पहली बार विश्वविद्यालय का दौरा किया है। अधिकारियों ने कहा कि टीम के सदस्यों ने पुस्तकालय को हुए नुकसान का विश्लेषण और वीडियोग्राफी की। उन्होंने प्रॉक्टर कार्यालय का भी दौरा किया। मामले की जांच अपराध शाखा कर रही है।

गौरतलब है कि, पिछले साल 15 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने कहा था कि वह दंगाइयों का पीछा करते हुए विश्वविद्यालय में घुसी थी। वहीं जामिया के छात्रों ने हिंसा में किसी तरह का हाथ होने से इनकार करते हुए पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाया था।

Previous articleDays after breaking silence on wedding rumours, Indian Idol judge Neha Kakkar threatens ex-boyfriend Himansh Kohli to expose his family
Next articleबिहार: सुशील मोदी का प्रशांत किशोर पर हमला, पूछा- 2014 में मोदी और BJP गोडसेवादी क्यों नहीं लगे