बिहार का परिणाम भाजपा की सामूहिक हार : जेटली

0

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद सोमवार को एक तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए कहा कि चुनावों में जीत या हार पार्टी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

जेटली ने कहा, “पार्टी सामूहिक रूप से चुनाव जीतती या हारती है।”

जेटली ने यह टिप्पणी बिहार चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर हुई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संसदीय दल की बैठक के बाद मीडिया के साथ बातचीत में की।

प्रधानमंत्री ने भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के चुनाव अभियान का नेतृत्व किया था और बिहार में 26 रैलियों को संबोधित किया था। जबकि इसके नेतृत्व वाले गठबंधन को 243 सदस्यीय विधानसभा में महज 58 सीटें मिल पाईं।

जेटली ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में जनादेश का सम्मान करती है और एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका अदा करने का वादा करती है, ताकि नई सरकार जनता की आकांक्षाएं पूरी कर सके।

उन्होंने कहा, “हम चुनौती स्वीकार करते हैं, हम बिहार में विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।”

जेटली ने कहा कि पार्टी ने जनता दल (युनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के महागठबंधन का गणित समझ लिया है।

उन्होंने कहा, “बिहार में हमारी हार का मुख्य कारण विरोधियों की एकजुटता रही है। हमने सोचा था कि महागठबंधन अपने वोट को एक मोर्चे के रूप में नहीं बदल पाएगा। यह सोच गलत साबित हुई।”

जेटली ने इस सच्चाई को स्वीकार किया कि वोटों का स्थानांतरण महागठबंधन में राजग से बेहतर था।

केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा, “हमारी यह सोच बिल्कुल गलत साबित हुई कि महागठबंधन की तीनों पार्टियां अपने वोट स्थानांतरित नहीं कर पाएंगी।”

जेटली ने इस बात को खारिज कर दिया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की आरक्षण पर की गई टिप्पणी का राजग के चुनाव परिणाम पर विपरीत प्रभाव पड़ा।

उन्होंने कहा, “किसी एक बयान पर किसी चुनाव का फैसला नहीं होता। यह एक अलग तरह का गणित है।” उन्होंने कहा कि सामाजिक संदर्भ में मंडल आयोग द्वारा स्वीकृत आरक्षण सिद्धांत पार्टी का सिद्धांत है और आरएसएस का भी रुख यही है।

Previous articleMystery of Chhota Rajan acquiring tatkal passport in 2008 puzzles CBI
Next articleभाजपा महासचिव ने शत्रुघ्न सिन्हा की तुलना कुत्ते से की