IRCTC घोटाला: लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को मिली जमानत

0

दिल्ली की एक अदालत ने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को सोमवार (28 जनवरी) को जमानत दे दी।

file photo

विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर आरोपियों को यह जमानत दी। अदालत ने 19 जनवरी को इन तीनों को मिली अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ा दिया था जो सोमवार को समाप्त हो रही थी। यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों का संचालन अनुबंध एक निजी कंपनी को देने में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा हुआ है। अदालत ने इससे पहले सीबीआई द्वारा दायर आईआरसीटीसी घोटाला मामले में उन्हें जमानत दे दी थी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2004 से 2014 के बीच दायर आरोप-पत्र के मुताबिक एक साजिश रची गई थी जिसके तहत पुरी एवं रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया और बाद में उनके संचालन, प्रबंधन एवं रख-रखाव के लिए उन्हें पटना के सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दे दिया गया।

आरोप लगाए गए कि निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ियां हुईं और निजी पार्टी- सुजाता होटल्स की मदद करने के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया। सीबीआई के मामले के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रसाद, देवी, यादव एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन का एक मामला दर्ज किया। आरोप-पत्र में नामजद किए गए अन्य लोगों में आईआरसीटीसी के समूह महाप्रबंधक वी के अस्थाना एवं आर के गोयल और सुजाता होटल्स के निदेशक एवं चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर एवं विनय कोच्रर शामिल हैं।

आरोप-पत्र में डिलाइट मार्केटिंग कंपनी जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी कंपनियों के तौर पर नामजद किया गया है।

2001 में यह तय किया गया कि भारतीय रेलवे के होटलों समेत केटरिंग सेवाओं का प्रबंधन आईआरसीटीसी को सौंपा जाएगा। ऐसे दो होटलों – रांची एवं पुरी के बीएनआर होटलों की भी पहचान की गई और रेलवे एवं आईआरसीटीसी के बीच 19 मार्च, 2004 को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए।

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक तत्कालीन रेल मंत्री प्रसाद ने खुद के एवं अन्य के लिए अनुचित लाभ उठाने के मकसद से सुजाता होटल्स की मालिक एवं उनके करीबी सहयोगी एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता और आईआरसीटीसी के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची।

जांच एजेंसी का यह भी आरोप था कि बीएनआर होटलों को हेराफेरी एवं धांधली वाली निविदा प्रक्रिया के जरिए सुजाता होटल्स को हस्तांतरित किया गया। इस निविदा प्रक्रिया का संचालन आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पी के गोयल ने किया था।

एजेंसी का आरोप है कि प्रसाद इस पूरी प्रक्रिया के बारे में जानते थे और निविदा की प्रक्रिया पर नजर रखे हुए थे। जांच में सामने आया कि दोनों होटलों की बोलियों के लिए करीब 15 दस्तावेज प्राप्त हुए लेकिन आईआरसीटीसी के पास सुजाता होटल्स को छोड़कर अन्य किसी भी बोली लगाने वाले का रिकॉर्ड नहीं था।

(इनपुट: भाषा)

Previous articleJustice AK Sikri objected to transfer of Justice S Muralidhar, known for his ‘his bold pronouncements on communal violence’
Next article#GoBackModi अभियान के बीच गाने में ‘मोदी’ नाम इस्तेमाल करने पर चेन्नई पुलिस ने रोका कॉन्सर्ट