कर्नाटक के एक आईपीएस अधिकारी को सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्होंने एक पत्रकार को कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से धमकी दी है। दरअसल, पत्रकार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक कश्मीरी युवक की तस्वीर शेयर किया था, जिस पर बेंगलुरु में हमला किया गया था।
पत्रकार फहद शाह ने एक कश्मीरी युवक की तस्वीर शेयर की थी। पीड़ित युवक की पहचान अबसार जहूर डार के रुप में रुप में हुई है, जिसे बेंगलुरु में गुंडों ने बेरहमी से पीटा था। फोटो शेयर करते हुए पत्रकार ने लिखा, ’24 साल के कश्मीरी छात्र अबसार जहूर डार की बेंगलुरु में पिटाई की गई। जो मॉडलिंग कर अपनी पढ़ाई का खर्च उठाता है। वह कहता है, वे मुझे मार सकते है… मैं डर में जी रहा हूं। कॉलेज नही जा पा रहा हूं, क्योंकि हमलावर मेरे घर के सामने घूमते रहते है जैसे कुछ हुआ ही नहीं।’
पत्रकार फहद शाह का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, शाह के इस पोस्ट पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने नाराजगी भी जताई। लेकिन शाह के इस पोस्ट पर कर्नाटक के आईपीएस अधिकारी अब्दुल अहद ने ऐसी टिप्पणी कर दी कि वो सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए।
आईपीएस अधिकारी ने पत्रकार के पोस्ट पर लिखा, श्री फहद शाह यह एक जांच का विषय है सार्वजनिक डोमेन में इस पर चर्चा करना एक अपराध है। साथ ही उन्होंने कहा कि, इस मामले में चार अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं।
Mr Fahad Shah Ur discussing a subject of investigation in public domain which is an offence,4 culprits have been arrested and 107 CrPC proceedings on…Ur warned against this illegal behaviour.
— S.Girish, IPS (@dcpwhitefield) March 24, 2019
आईपीएस अधिकारी के ट्वीट पर पत्रकार ने जवाब दिया कि वह किसी भी गैरकानूनी कृत्य में लिप्त नहीं है, उन्होंने बस एक समाचार शेयर किया है, जो पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में था। इसके बाद आईपीएस अधिकारी ने धमकी भरे लहजे का उपयोग करके जवाब दिया।
उन्होंने लिखा, आपको समझाने के लिए कहा जाएगा… आप जांच अधिकारी को स्पष्टीकरण दे सकते हैं… आप सुनिश्चित करेंगे कि आप जांच अधिकारी की संतुष्टि के लिए अपना रुख स्पष्ट करेंगे और सुनिश्चित करें कि आप लोगों को नहीं उकसा रहे हैं… यह एक गंभीर अपराध है।
U will be asked to explain…u can give Ur clarification to the investigating officer..as a law abiding citizen IAM sure u will explain Ur stand to the satisfaction of investigating officer…and make sure that Ur not instigating people….it's a serious offence
— S.Girish, IPS (@dcpwhitefield) March 24, 2019
अपने इस ट्वीट को लेकर आईपीएस अधिकारी अब्दुल अहद सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए। सोशल मीडिया यूजर्स के साथ-साथ राजनेताओं ने भी उनके इस ट्वीट की निंदा की है। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया ने लिखा, प्रिय @dcpwhitefield, हमले के बारे में बात करना अपराध नहीं है। लेकिन पुलिस ने एक पत्रकार को गिरफ्तार करने और चुप कराने की धमकी दी, यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
Dear @dcpwhitefield, talking about an assault is not a crime. But police threats to arrest and silence a journalist is a violation of the right to free expression.@pzfahad https://t.co/XpjGJ0pRTc
— Amnesty India (@AIIndia) March 25, 2019
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी आईपीएस अधिकारी अब्दुल अहद के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, कई और सोशल मीडिया यूजर्स भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहें है।
Muhtaram,Aali Janab ,Your Excellency of course you can arrest,jail you have all the Taqaat remember you are bound by Constitution of INDIA ,let me refresh your memory Freedom of Expression is still a Fundamental Right which NO DCP can take it from any Indian Samjha
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 25, 2019
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु में एचएएल के एईसीएस लेआउट में चार युवकों ने मिलकर कश्मीरी छात्र पर हमला किया था। यह घटना 20 मार्च की बताई जा रही है। पीड़ित छात्र अबसार जहूर डार कश्मीर में श्रीनगर के रहने वाले हैं। वे बेंगलुरु के CMRIT कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हैं। इसके साथ ही वे मॉडलिंग भी करते हैं।
जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद से अबसार काफी डरे हुए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने क्लास जाना भी छोड़ दिया है। क्योंकि उन्हें डर है कि हमलावर युवक उनसे बदला लेने के लिए उन्हें कभी भी अपना निशाना बना सकतें हैं। साथ ही अबसार का कहना है कि हमलावर उनके घर घूमते नज़र आते हैं।