नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर भड़की हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के कई संवेदनशील जिलों में जुमे की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है। प्रदर्शनों के बीच ऐहतियाती कदम के तौर पर राज्य के कई जिलों में इंटरनेट सेवा रोक दी गई है। शुक्रवार यानी आज जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है।

गुरुवार शाम को प्रदेश के 8 जिलों में इंटरनेट बैन की खबर आई लेकिन अगली सुबह होते-होते यह संख्या लगातार बढ़ती चली गई। अफवाहों पर लगाम लगाने के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर, बुलंदशहर, मुज़फ्फरनगर, मेरठ, आगरा, फिरोजाबाद, शामली, संभल, अलीगढ़, गाजियाबाद, रामपुर, सीतापुर, कानपुर, अलीगढ़ समेत कई जिलों में अगले 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बैन किया गया है। इस बीच पुलिस लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रही है। इसके अलावा अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ शहरों में फ्लैग मार्च निकाल रहे हैं।
सुरक्षा के मद्देनजर गाजियाबाद में शुक्रवार रात 10 बजे तक इंटरनेट पर बैन रहेगा। मेरठ और अलीगढ़ में गुरुवार रात 10 बजे से इंटरनेट बैन का आदेश दिया गया है। आगरा में शुक्रवार सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक इंटरनेट सेवा निलंबित रहेंगी। वहीं, वेस्ट यूपी के संवेदनशील मुजफ्फरनगर जिले में 28 दिसंबर तक इंटरनेट बंद रखा गया है।
यूपी के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर पीवी रमाशास्त्री का कहना है कि जुमे की नमाज को देखते हुए राज्य के अलग-अलग जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है। हमने राज्य के विभिन्न जिलों में सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है और शांति व्यवस्था के लिए लोगों से बातचीत की गई है। इसके अलावा कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित किया गया है। एडीजी का कहना है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट हो रहे कॉन्टेंट की भी निगरानी की जा रही है।
पुलिस ने गोरखपुर के संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला और सभी सर्कल और पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में शांति समितियों के साथ बैठक की। जिला मजिस्ट्रेट विजयेंद्र पांडियन ने कहा कि अर्धसैनिक बल और कैमरों से लैस ड्रोन भी स्थिति पर नजर रखने के लिए तैनात किए जाएंगे।
दरअसल, 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद वेस्ट यूपी के कई जिलों में हिंसा हो गई थी, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। ऐसे में शुक्रवार को जुमे की नमाज इस बार कड़े पहरे में होगी। संवेदनशील स्थानों पर पुलिस फोर्स, पीएसपी, आरएएफ आदि सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ा दी गई है।