भारत के गांवों में आ रहे हैं चीनी सीमा से संदिग्ध फोन

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चीन के द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के समीप तैनात सेना की जासूसी कराई जा रही है। सेना के बारे में सूचना हासिल करने के लिए पाकिस्तान या चीन के जासूस ग्राम प्रधान समेत स्थानीय नागरिकों को फोन कर रहे हैं। इसका पता चलने के बाद भारत-चीन सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

दैनिक हिंदुस्तान के मुताबिक सेना के विश्लेषण से पता चला है कि चीन-भारत सीमा से लगे गांवों में कई लोगों को अज्ञात नंबरों से फोन आ रहे हैं। कुछ मामलों में ग्रामीणों ने अनजाने में मूलभूत सूचनाएं भी दे दीं। साथ ही यह भी पता चला कि फोन केवल उन लोगों के पास ही आए जो या तो सरपंच हैं या राज्य सरकार में नौकरी करते हैं और सैनिकों तथा आईटीबीपी अधिकारियों के बारे में जानकारी रखते हैं।

हाल ही में चांग ला और त्सांगटे गांव के बीच के डुरबुक गांव के सरपंच स्टानजिन को एक फोन आया। फोन करने वाले ने पूछा कि क्या सेना के साथ लंबित मुद्दे हल कर लिए गए हैं। डुरबुक गांव समुद्र तल से 13,500 फुट की ऊंचाई पर है। फोन के समय सेना के कैंप में बैठे सरपंच को शक हुआ और उसने फोन करने वाले से उसकी पहचान के बारे में पूछा तो उसने खुद को उपायुक्त कार्यालय से बताया। सरपंच ने स्थानीय उपायुक्त कार्यालय से इसका पता किया तो पता चला कि उस नंबर से किसी ने फोन किया। सेना की छानबीन में पता चला कि नंबर फर्जी था और कंप्यूटर से फोन किया गया था।

स्टानजिन ने बताया कि उन्हें पहले भी एक फोन आया था। फोन करने वाला सैनिकों की आवाजाही के बारे में पूछ रहा था। साथ ही यह जानना चाह रहा था कि क्या इलाके में सड़कें सेना की आवाजाही के लिए बनाई गई हैं। स्टानजिन ने कहा कि फोन करने वाले ने खुद को सेना मुख्यालय से बताया लेकिन उसके अटपटे सवालों से शक हुआ। इसके बाद स्टानजिन ने अपने साथ खड़े सैन्य अधिकारी को इसकी जानकारी दी।

सेना ने लोगों से फोन करने वाले के नाम, टेलीफोन नंबर, प्राप्तकर्ता के नाम और नंबर, फोन करने वाले द्वारा मांगी गई जानकारी और उनसे किए गए सवालो के बारे में सभी जानकारी पास की सैन्य इकाई को बताने को कहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि फोन करने वाला खुद को कर्नल या स्थानीय अधिकारी बताते हुए इलाके में सेना की मौजूदगी और उसकी आवाजाही के समय के बारे में कई सवाल पूछते हैं।

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