भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने शनिवार को साथी खिलाड़ी वंदना कटारिया के परिवार के लिए की गई कथित जातिवादी अपशब्दों की निंदा की और इन्हें शर्मनाक करार दिया। वंदना ने ओलंपिक के दौरान चार गोल किए थे लेकिन बुधवार को अर्जेंटीना के खिलाफ सेमीफाइनल में भारतीय महिला टीम के हारने के बाद उनके परिवार को हरिद्वार में कथित रूप से जातिवादी अपशब्द कहे गए थे।
फाइल फोटोरानी रामपाल ने वर्चुअल कांफ्रेंस में कहा, ‘जो कुछ हुआ, वह बहुत खराब है। हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिये इतनी कड़ी मेहनत करते हैं। इस तरह धर्म, जाति के आधार पर भेदभाव करना बंद कीजिए क्योंकि हम इन सभी चीजों से ऊपर काम करते हैं।’ भारतीय महिला टीम कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में ग्रेट ब्रिटेन से 3-4 से हारकर चौथे स्थान पर रहीं।
रानी ने कहा, ‘हम भारत के विभिन्न हिस्सों से आते हैं, विभिन्न धर्मों के हैं। लेकिन जब हम यहां आते हैं तो हम भारत के लिये काम करते हैं। लोगों का इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने हमें इतना प्यार दिया, हालांकि हमने पदक नहीं जीता। इसलिये उन्हें इन लोगों से सीख लेनी चाहिए। अगर हम भारत को हॉकी का देश बनाना चाहते हैं तो हमें सब लोगों की जरूरत है।’
खबरों के अनुसार दो व्यक्तियों ने वंदना के रोशनाबाद में स्थित घर के बाहर पटाखे फोड़े और हंसी उड़ाते हुए डांस किया। जब वंदना के परिवार के कुछ सदस्य आवाज सुनकर बाहर आये तो दो व्यक्ति उनके खिलाफ जातिवादी टिप्पणी करते हुए भाग गए। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार उन्होंने कहा कि टीम इसलिये हारी क्योंकि इसमें काफी ज्यादा दलित खिलाड़ी हैं।
रानी ने उम्मीद जताई कि लोग इस घटना से सबक सीखेंगे और भविष्य में इस तरह की चीजें नहीं होंगी। उन्होंने कहा, ‘यह बुरी चीज है, ऐसा नहीं होना चाहिए था, शायद वे इससे सीख लेंगे और भविष्य में ऐसा नहीं करेंगे।’ (इंपुट: भाषा के साथ)