भारत में भष्ट्राचार एक प्रमुख समस्या है, लेकिन उसके बाद भी देश की जनता को वर्तमान सरकार से काफी उम्मीदे हैं। सरकारी तंत्र में वरिष्ठ से लेकर कनिष्ठ तक बिना रिश्वत के काम नहीं करते जिससे आम लोगों में भारी रोष भी है जिसके चलते दुनियाभर में भारत भष्ट्राचार के मामले में बदनाम रहता है। दुनियाभर में भ्रष्टाचार को लेकर ऑर्गनाइजेशन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल वाार्षिक रिर्पोट जारी करती है।
लेकिन इस वर्ष ऑर्गोनाइजेशन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट में एक चौकाने वाला खुलासा किया है, जिसमें भारत को सबसे भ्रष्टाचार देश बताया है। गौरतलब है कि, 2014 लोकसभा चुनाव में भाजाप ने भ्रष्टाचार को चुनाव का सबसे मुद्दा बनाकर सत्ता हासिल की थी। पीएम मोदी ने लगभग अपने प्रत्येक चुनावी सभा में कहा था कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो वह सबसे पहले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएंगे।
जिसको देखते हुए पिछले वर्ष नवम्बर 2016 में पीएम मोदी नोटबंदी का भी फैसला लिया था। रिपोर्ट में साफ हुआ है कि पीएम मोदी के नोटबंदी जैसे प्रयास सफल भी हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एंटी करप्शन ग्लोबल सिविल सोशइटी ऑर्गनाइजेशन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी के काल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत एशिया के सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार वाला देश है।
साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लोगों को उम्मीद है कि सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का प्रयास कर रही है। यह सर्वेक्षण रिपोर्ट जुलाई 2015 और जनवरी 2017 के बीच की है। इसमें इंडिया, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम, साउथ कोरिया, हांगकांग, कंबोडिया, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ताइवान, म्यामार, श्रीलंका, थाईलैंड आदि देश इसमें शामिल रहे। रिपोर्ट में 16 देशों के 21,861 लोगों से करप्शन के बारे में पुछा गया।
जिसमें पता चला कि जापान में 0.2 फीसदी भ्रष्टाचार है जबकि भारत में 69 फीसदी सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है और सरकारी सेवाओं के उपयोग के लिए घूस देनी पड़ी। सर्वे के अनुसार, रिपोर्ट में रिश्वत खोरी के सबसे ज्यादा मामले पब्लिक स्कूल, सार्वजनिक क्लीनिक या अस्पताल, सरकारी दस्तावेज, पुलिस और अदालतों में सामने आए हैं।