भारत ने सोमवार को कहा कि उसका दृढ़ता से यह मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ “ज़ीरो टोलरेंस” की नीति अपने लोगों से की गई प्रतिबद्धता के साथ ही एक अंतर्राष्ट्रीय दायित्व भी है.
भाषा की खबर के अनुसार, भारत ने यह बात अपनी सेना पर एक भीषण आतंकवादी हमला होने के एक दिन बाद कही जिसमें 18 सैनिक शहीद हो गए. भारत ने यहां संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 33वें सत्र में बयान देते हुए परिषद का आह्वान भी किया कि वह पाकिस्तान से कहे कि वह सीमापार घुसपैठ पर रोक लगाए, आतंकवाद के ढांचे को नष्ट करे और आतंकवाद के केंद्र के तौर पर काम करना बंद करे.
भारत ने कहा, “समय आ गया है कि भारत की धरती पर यह जघन्य हिंसा जारी रखने वालों को पाकिस्तान की ओर से दिए जाने वाले नैतिक और साजो-सामान समर्थन पर यह परिषद ध्यान दे.” भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और बलूचिस्तान सहित पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में उत्पीड़न एवं मानवाधिकार के खुलेआम उल्लंघन का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए कहा कि इसका पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.