मोदी सरकार के नए मंत्रिपरिषद में शामिल 56 मंत्रियों में से 51 करोड़पति हैं और 22 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी अपने हलफनामों में दी है। यह विश्लेषण एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने किया है। एडीआर ने कहा कि आठ मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 10वीं से 12वीं के बीच बताई है, वहीं 47 स्नातक हैं। एक मंत्री डिप्लोमा रखते हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एडीआर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 58 में से 56 मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण किया। इनमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य हैं। लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष तथा उपभोक्ता मामले तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान और विदेश मंत्री एस जयशंकर के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया गया है, क्योंकि दोनों ही फिलहाल संसद के सदस्य नहीं है।
56 मंत्रियों में से 22 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है, वहीं 16 ने गंभीर आपराधिक मामले होने की बात कही है जिनमें हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और चुनाव उल्लंघन जैसे मामले शामिल हैं। एडीआर ने कहा कि 51 यानी 91 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं। औसतन हर मंत्री के पास 14.72 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल समेत चार मंत्रियों ने 40 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की घोषणा की है। मंत्रियों में ओडिशा के प्रताप चंद्र सारंगी भी हैं, जिन्होंने करीब 13 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की है।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने गत महीने 30 मई को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ 24 कैबिनेट मंत्रियों, नौ ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 अन्य ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी।