अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये भारत सरकार द्वारा उठाये गये (500 और 1000 को नोट पर बैन) कदमों का स्वागत किया है।
लेकिन इस बात पर भी जोर दिया है कि भारत नए नोटों को लाने के दौरान अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखे। आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी रीस ने रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा कि वह भारत के भ्रष्टाचार से लड़ने और अर्थव्यवस्था में गैरकानूनी तरीकों से आने वाले पैसे को रोकने के लिए उठाए गए कदम का समर्थन करते हैं।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि भारत में ज्यादातर कामों के लिए लोग बड़े पैमाने पर कैश के जरिए ही लेन-देन होता है और ऐसी स्थिति में सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि वह करेंसी नोटों को बदलने का काम ऐसे मैनेज करे जिससे लोगों को कम-से-कम परेशानियों का सामना करना पड़े।
आज से देश में पुराने नोटों को बदलने का काम शुरु किया जा चुका है। देशभर के सभी बैंकों और एटीएम में 2000 रुपये के नए नोट लाए गए हैं। नोटों को बदलने के लिए सरकार ने एक बार में एटीएम से एक दिन में 2000 रुपये और बैंक से 4000 रुपये निकालने की सीमा तय की है।