राजकीय सम्मान के साथ हुआ जयललिता का अंतिम संस्कार, नम आखों से समर्थकों और नेताओं ने दी विदाई

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लाखों लोगों ने मंगलवार को नम आंखों से अपनी प्रिय नेता और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को आखिरी विदाई दी, जिनका सोमवार की देर रात यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेलवम, कई दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री,  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेलवम, कई दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव, द्रमुक नेता एमके स्टालिन और सुपरस्टार रजनीकांत सहित कई प्रमुख लोगों ने राजाजी हॉल में दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।

जयललिता का शव मंगलवार को अंतिम दर्शन के लिए सुबह से राजाजी हॉल में रखा गया था और उनकी निकट सहयोगी शशिकला नटराजन पूरे दिन पार्थिव शरीर के बगल में खड़ी रहीं और दफन किए जाने से पहले उन्होंने सभी धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा किया। जयललिता को मरीना बीच पर एमजीआर की समाधि के निकट दफनाया गया। अंतिम संस्कार के समय शशिकला की मदद जयललिता के भतीजे दीपक ने की।

नायडू, राव, गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पनीरसेलवम, विधानसभा अध्यक्ष धनपाल और पूर्व राज्यपाल के. रोसैया ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। अनुष्ठानों के पूरा होने के बाद जयललिता को करीब छह बजे दफनाया गया। इससे पहले उनकी अंतिम यात्रा निकली और ‘अम्मा वजगा’ (अम्मा अमर रहे) के नारे के उद्घोष के साथ तोप की सलामी दी गई।

भाषा की खबर के अनुसार,  उनकी शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और वे ‘पुरतची थलैवी अम्मा’ (क्रांतिकारी नेता अम्मा) के नारे लगा रहे थे। जयललिता का पार्थिव शरीर राष्ट्रध्वज में लिपटा हुआ था और फूलों से ढंका हुआ था।

शवयात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच निकली और यह धीरे-धीरे आगे बढ़ी। करीब तीन किलोमीटर का सफर तय करके उस स्थान पर पहुंची, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। पार्थिव शरीर के ताबूत के चारो ओर जयललिता की बड़ी तस्वीरें लगाई गई थीं और लोग इस पर पुष्प बरसा रहे थे। पार्थिव शरीर के बगल में शशिकला मौजूद थीं।

केंद्र सरकार ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का आदेश दिया था। ऐसे में सेना के तीनों अंगों के जवानों ने जयललिता को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद शशिकला ने एक ब्राह्मण पुजारी की मदद से अंतिम अनुष्ठानों को पूरा किया और जयललिता को दफन किया गया।

र्म, जाति और उम्र की सीमाओं से परे लोग बड़ी संख्या में अपनी प्यारी और श्रद्धेय नेता जे जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। शहर में सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं चले और ऐसे में लोगों ने लंबी दूरी तक पैदल चलने में भी परहेज नहीं किया।

हर के बीचोबीच, अन्ना सलाई के करीब स्थित राजाजी हॉल में उदासी और दुख के माहौल के बीच, नम आंखें के साथ लोग अम्मा की आखिरी झलक पाने के लिए पहुंचे।

जयललिता के चाहने वाले उन्हें ‘अम्मा’ (मां) कहकर पुकारते तड़के जयललिता का पार्थिव शरीर उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल लाया गया था। इसके बाद से यहां लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई। इस स्थान पर पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

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