भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हमेशा अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में सोशल मीडिया का बेहतर इस्तेमाल करने का श्रेय दिया जाता है। भगवा पार्टी की हाल की राजनीति सफलता ने यह साबित किया है कि कैसे उनके नेताओं ने प्रतिद्वंद्वियों से बेहतर सोशल मीडिया का अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल किया।
हालांकि, इस बार बीजेपी द्वारा प्रधानमंत्री के लिए पीएम मोदी का चेहरा उतारने के वाबजूद भी नकारात्मक माहौल देखने को मिल रहा है। बीजेपी के विरोधियों ने लंबे समय से आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्र सरकार की मौजूदा सरकार ने अलग-अलग मंत्रालयों के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल का प्रबंधन पार्टी के ट्रोल्स के हाथों में दे रखा है।
यही वजह है कि पिछले कुछ समय से मोदी सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों को अपनी गलतियों की वजह से ट्विटर पर फजीहत का सामना करना पड़ा है। ताजा मामला अब मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय से जुड़ा है, जिसकी चर्चा इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर हो रही है।
दरअसल, हाल ही में एचआरडी मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया जिसमें लिखा था, प्रिय वीरेंद्र सहवाग सर, मैं खुद अंपायरिंग का कोर्स करने के लिए डीडीसीए से संपर्क और उसमें रजिस्ट्रेशन करने के लिए कोशिश कर रहा हूं लेकिन इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। वेबसाइट पर भी इसकी कोई जानकारी नहीं मिल रहीं है। आपसे अनुरोध है कि कृपया इसकी प्रक्रिया के साथ मुझे इसके मार्गदर्शन के बारे में बताएं। रूपेन ओबेरॉय।
इस ट्वीट को देखकर ऐसा लगता है कि ओबेरॉय को एचआरडी मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का प्रबंधन बनाया गया है और उन्होंने व्यक्तिगत ट्वीट भेजने के लिए गलती से मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल कर लिया। हालांकि, जिस व्यक्ति ने ट्वीट में अपना मोबाइल नंबर और ईमेल पोस्ट किया है वह और बीजेपी अब सोशल मीडिया यूजर्स ने निशाने पर आ गया है।
बता दें कि एचआरडी मंत्रालय स्मृति ईरानी के कार्यकाल के दौरान भी अपनी गलतियों की वजह से सुर्खियों में बना हुआ था। वर्तमान में यह मंत्रालय प्रकाश जावड़ेकर के पास है।