अमेरिका ने बुधवार(16 अगस्त) को कश्मीर में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया। अमेरिकी वित्त विभाग ने यह जानकारी दी। इसे आतंकवाद के मोर्चे पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। यह घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों की हिंसा को आजादी का संघर्ष बताने वाले पाक के लिए बड़ा झटका भी है।
(Reuters File Photo)अमेरिका ने इससे पहले जून में हिजबुल के सरगना सैय्यद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मंगलवार को बातचीत के अगले दिन हिजबुल पर पाबंदी का फैसला सामने आया है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, ‘हिज्बुल मुजाहिदीन को आतंकी हमले करने के लिए संसाधनों से उपेक्षित करने के प्रयास के तहत उसे आतंकी समूह घोषित किया गया है।’ बता दें कि हिजबुल मुजाहिदीन का गठन 1989 में हुआ था। जम्मू-कश्मीर में कई हमलों के पीछे उसका हाथ रहा है।
इस फैसले के बाद अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाली हिज्बुल की सभी संपत्तियों और संपत्ति से जुड़े उसके हितों पर रोक लग जाएगी तथा अमेरिका का कोई भी व्यक्ति इस समूह के साथ किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकेगा। विदेश विभाग ने कहा कि आतंकवाद से जुड़ा घोषित होने से संगठन और व्यक्ति बेनकाब होते हैं तथा अलग-थलग पड़ जाते हैं।
साथ ही अमेरिकी वित्तीय व्यवस्था तक उनकी पहुंच खत्म हो जाती है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में भारत के खिलाफ छद्मयुद्ध का मोर्चा खोलने के लिए 1989 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हिजबुल मुजाहिदीन का गठन कराया था। पाक दुनिया के सामने इसे कश्मीर के स्थानीय युवाओं की आजादी के लिए संघर्ष के रूप में पेश करने की कोशिश करता रहा है।