हिंदुत्ववादी नेताओं ने ‘धर्म संसद’ में किया मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान, विवादित बयान के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल; ब्रिटिश सांसद ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

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उत्तराखंड में हिंदुत्व के आतंकवादियों द्वारा मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एक ब्रिटिश सांसद ने वैश्विक शक्तियों द्वारा तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान किया है। लेबर पार्टी की सांसद नाज़ शाह ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए लगातार कई ट्वीट्स किए और खुलकर अपना गुस्सा जाहिर किया।

धर्म संसद

ब्रिटिश सांसद ने अपने एक ट्वीट में लिखा, “यह 1940 का नाजी जर्मनी नहीं है। यह भारत में 2021 #HaridwarlGenocidalMeet है। मुसलमानों की हत्या का आह्वान। यह अब हो रहा है। जो लोग कहते हैं कि यह एक फ्रिंज समूह है, हिटलर को कभी ‘फ्रिंज’ का हिस्सा भी माना जाता था। वैश्विक आक्रोश कहाँ है?”

उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा, “यह नरसंहार का आह्वान है। यह #EthnicCleansing का आह्वान है। हम इससे आंखें नहीं मूंद सकते। हम यह नहीं कह सकते कि हमें नहीं पता था। दुनिया को इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसे अब कार्य करना चाहिए।”

तथाकथित धर्म संसद (धार्मिक संसद) में कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता यति नरसिम्हानंद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वो मुसलमानों के ख़िलाफ हिंसा की अपील कर रहे हैं और हिन्दुओं से हथियार उठाने की वकालत कर रहे हैं। इस दौरान उनके साथ उनके साथी हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरि, स्वामी आनंदस्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय भी शामिल थे।

पिछले हफ़्ते हरिद्वार में इन लोगों ने तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया था और इसीमें मुसलमानों के ख़िलाफ हिंसा की बात खुलेआम की गई थी। सोशल मीडिया पर यह वीडियो भारत के साथ-साथ विदेशी सोशल मीडिया यूज़र्स भी शेयर कर रहे हैं।

निरंजनी अखाड़े की साध्वी अन्नपूर्णा ने अपने अभद्र भाषा में कहा, यदि कोई राक्षस मेरे हिंदू धर्म को धमकी देता है, तो मैं हिंदू धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाऊंगा, भले ही मेरी निंदा (नाथूराम) गोडसे (महात्मा गांधी का हत्यारा) के रूप में की गई हो … यह चिंताजनक स्थिति है। अगर हम अपना संकल्प दिखाते हैं, तो भारत इस्लामिक नहीं बल्कि एक सनातन वैदिक हिंदू राष्ट्र बन जाएगा…आइए संकल्प लें कि हम 2029 में एक मुस्लमान को भारत का प्रधानमंत्री नहीं बनने देंगे। यदि आवश्यक हो, तो हम उन्हें मार सकते हैं और जेल जाने के लिए तैयार हैं। हमें विजयी माना जाएगा भले ही हम में से 100 सेना में शामिल हों और हम 20 लाख मुसलमानों को मारने में सक्षम हों।

वहीं, यति नरसिम्हाानंद ने कहा कि मुसलमानों को मारने के लिए तलवारें पर्याप्त नहीं होंगी। लेकिन उन्होंने कहा कि मुसलमानों को दंडित करने के लिए हिंदुओं को हथियार देना महत्वपूर्ण है। यति ने कहा, “आप युद्ध में तभी विजय प्राप्त करेंगे जब आपके पास बेहतर हथियार होंगे। यही आपकी (हिंदुओं की) रक्षा करेगा।” नरसिम्हनन्द ने वक्ताओं को सलाह दी कि वे ऐसा कुछ भी न कहें जिससे मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं को हथियार देने का महत्व कम हो जाए।

भाजपा नेता उपाध्याय ने अपनी ओर से कट्टर हिन्दुत्ववादी नेता यति नरसिम्हनंद को अपना गुरु बताया। इसी साल अगस्त महीने में उपाध्याय को दिल्ली के जंतर मंतर पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा फैलाने वाले नारे लगाने के मामले में कुछ समय के लिए गिरफ़्तार किया गया था।

बता दें कि, उपाध्याय ने इससे पहले दिल्ली के जंतर मंतर पर यति नरसिम्हनंद द्वारा जारी अभद्र भाषा से खुद को अलग कर लिया था। इसी साल नरसिम्हानंद ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान पैग़ंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

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