शनिवार की सुनवाई के दौरान सईद के समर्थक भारी संख्या में कोर्ट के बाहर मौजूद थे। कोर्ट में सईद के वकील एके डोगर मौजूद थे, लेकिन लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया सईद ने अपनी बात खुद रखने का फैसला किया। सईद ने कहा कि मुझ पर सरकार द्वारा लगाए गए आरोप देश के किसी भी संस्थान द्वारा साबित नहीं किए गए। मुझे और मेरे साथियों को कश्मीर की आजादी और उस पर सरकार की कमजोर नीति पर बोलने के लिए प्रताड़ित किया गया है।सईद ने बोर्ड से अपील की कि वह उसे नजरबंद रखने के पंजाब सरकार के आदेश को खारिज करे। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के अधिकारी ने बोर्ड से कहा, ‘सरकार ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के दबाव में जमात-उद-दावा के नेताओं को नजरबंद किया है।
बता दें कि बीते 30 अप्रैल को पंजाब सरकार ने हाफिज सईद और उसके चारों साथियों की नजरबंदी 90 दिन बढ़ा दी थी। इससे पहले उसने 30 जनवरी को इन पांचों को लाहौर में नजरबंद रखने का आदेश दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने सईद और उसके साथियों पर कार्रवाई अमेरिका की ओर से दी गई चेतावनी के बाद की थी। अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अगर उसने जमात-उद-दावा और सईद के खिलाफ ऐक्शन नहीं लिया तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।