नोटबंदी के बाद जब गुजरात के बड़े हीरा कारोबारी लालजी भाई पटेल की 6000 करोड़ रुपये सरेंडर करने की खबर आई सोशल मीडिया पर ये खबर वायरल हो गई और उसके बाद मोदी सरकार की नोटबंदी की वाहवाही होने लगी। लोग इसे काले धन पर लगाम कसने की बात करते हुए मोदी सरकार के इस कदम को सरहानीय बताने लगे।
Photo courtesy: financial expressलेकिन अब जो खबर आई है उसमे लालजी भाई पटेल ने 6000 करोड़ रुपये सरेंडर करने वाली इस तरह की खबरों का खंडन करते हुए इसे फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट स्थानीय मीडिया में भी चल रही है। एबीपी अस्मिता चैनल के एक वीडियो में लालजी भाई इस मुद्दे पर सफाई देते हुए नजर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में प्रेषित किए गए संदेशों में उन्हें बिल्डर बताया जा रहा है। मैं बिल्डर नहीं, हीरा व्यापारी हूं और मेरे नाम से चल रही खबरें झूठी और मनगढ़ंत है। लालजी पटेल वहीं शख्स के जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सूट 4.31 करोड़ में खरीदा था।
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा था कि लालजी भाई ने 200 फीसदी जुर्माने के हिसाब से 5400 करोड़ रुपये अलग से चुकाए हैं, इसमें 30 फीसदी टैक्स के हिसाब से 1800 करोड़ रुपये और बाकी 3600 करोड़ रुपये पेनल्टी के हैं।
सूरत के हीरा कारोबारी लालजी पटेल, ये वही बिजनसमैन हैं जिन्होंने कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सूट को 4.3 करोड़ रुपए में खरीदकर जबरदस्त सुर्खियां बटोरी थीं और गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था।
इस सूट पर बारीक अक्षरों में नरेंद्र मोदी का नाम लिखा था। पिछले दो दिन से सोशल मीडिया पर मैसेज फैल रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सूट खरीदने वाले वाले सूरत के हीरा कारोबारी लालजी भाई पटेल 6000 करोड़ रुपए बैंक में जमा करवा कर लालजी भाई पटेल ने एक और रिकॉर्ड बनाया है।