सुरक्षा बलों के बीच स्मार्ट फोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने इसके इस्तेमाल पर ताजा गाइडलाइंस जारी की हैं। आजकल आधे से ज्यादा सुरक्षा बलों के जवानों और अधिकारियों के पास स्मार्टफोन है। ऐसे में सुरक्षा के लीक हो जाने का खतरा बढ़ गया है। सुरक्षा एजेंसियों की सुरक्षा को लेकर गृहमंत्रालय ने नई गाइडलाइंस जारी की है।
मंत्रालय ने सेना के जवानों और अधिकारियों को सोशल मीडिया के संतुलित इस्तेमाल और सेना से जुड़ी जानकारी, डॉक्यूमेंट्स, तस्वीरें और वीडियो शेयर करने के संबंध में सतर्क किया है। इस गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृहमंत्रालय ने ऐसी कई घटनाओं का उदाहरण दिया गया जब सुरक्षा बलों ने अपने मोबाइल से तस्वीरें खींची और वे सोशल मीडिया पर खूब फैलाई गई। गृहमंत्रालय ने कहा कि यह बेहद जरूरी हो चुका है कि कुछ निर्देश नए सिरे से जारी किए जाएं क्योंकि सरकार को देखने में कुछ ऐसी घटनाएँ मिली हैं जब सुरक्षा बलों के मोबाइल फोन और कैमरे से ऑपरेशन की तस्वीरें और वीडियो कवरेज की गई और बिना किसी आधिकारिक अनुमति के उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। ये गाइडलाइन SSB, CRPF, CISF, ITBP, BSF, NSG समेत सभी प्रकार की केंद्रीय सैन्य पुलिस बल को जारी किया गया है।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीन पेज की गाइडलाइंस जारी करते हुए मुख्यालय में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफएस) को अधिसूचित किया और कहा कि वह किसी मुठभेड़ या किसी अभियान के फोटो अपने निजी फोन पर अपलोड न करें। जिसे बाद में ट्विटर, फेसबुक, वाट्सएप, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन जैसे मीडिया प्लेटफार्म पर डाला जा सके।
मौजूदा दिशा-निर्देश हालांकि पुराने कायदे-कानून का ही विस्तृत रूप हैं। मंत्रालय ने अपने नए आदेश में कहा है कि करने और ना करने वाली बातों को जारी करने की बेहद जरूरत है। सरकार को यह पता चला है कि मोबाइल फोन और उसके कैमरे का इस्तेमाल सैन्य अफसर अपने अभियानों के दौरान करते हैं। इससे अधिकारी की मर्जी के बगैर सोशल मीडिया में संवेदनशील जानकारियां अपलोड हो रही हैं। ताजा निर्देश में उल्लंघन करने वाले कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही गई है।