मोदी सरकार ने मंगलवार(5 सितंबर) को कहा कि उसने नियमों का अनुपालन नहीं करने वाली 2.09 लाख कंपनियों पंजीकरण समाप्त कर दिया है और इन कंपनियों के बैंक खातों से लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुये सरकार ने कहा है कि जिन कंपनियों के नाम कंपनी महापंजीयक की पंजीकरण पुस्तिका से हटा दिए गए हैं।सरकार ने कहा है कि ये कंपनियां जब तक नियम और शर्तों को पूरा नहीं कर लेती है तब तक उनके निदेशक कंपनी के बैंक खातों से लेनदेन नहीं कर सकेंगे। दरअसल, सरकार को इस बात का संदेह है कि इन मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल कथित तौर पर अवैध धन के लेन देन और कर चोरी के लिये किया जाता रहा था।
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, सरकार के तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कंपनी कानून की धारा 248-5 के तहत 2,09,032 कंपनियों के नाम कंपनी पंजीयक के रजिस्टर से काट दिये गये हैं। रजिस्टर से जिन कंपनियों के नाम काट दिये गये हैं उनके निदेशक और प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता अब इन कंपनियों के पूर्व निदशेक और पूर्वप्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता बन जाएंगे।
कार्पोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी कानून की जिस धारा 248 का इस्तेमाल किया है, उसके तहत सरकार को विभिन्न कारणों के चलते कंपनियों के नाम रजिस्टर से काटने का अधिकार दिया गया है। इनमें एक वजह यह भी है कि ये कंपनियां लंबे समय तक कामकाज नहीं कर रहीं हैं।