VIDEO: संसद में अचानक भोजपुरी गाना गाने लगे BJP सांसद रवि किशन, लोकसभा अध्यक्ष ने बीच में रोका, देखें वीडियो

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भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रवि किशन ने सोमवार (1 जुलाई) को लोकसभा में भोजपुरी को संविधान की आठवी अनुसूची में शामिल करने की मांग की। सदन में शून्यकाल के दौरान उन्होंने कहा कि देश में करीब 25 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते और समझते हैं। मॉरीशस में इसे दूसरी राष्ट्रभाषा का दर्जा मिला हुआ है। कई कैरेबियाई देशों में भोजपुरी बोली जाती है।

किशन ने कहा कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की एक सभा में भोजपुरी में जनता का अभिवादन किया तो लोगों को लगा अब भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल कर लिया जाएगा। इस दौरान किशन ने भोजपुरी में एक गीत गाना शुरू किया तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आप सिर्फ अपनी बात रखिए।

दरअसल, भोजपुरी भाषा की तारीफ करते-करते रवि किशन भोजपुरी में एक गीत गाने लगे। उन्होंने अपनी बात के बीच में गाना शुरू किया ‘हे गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो, सइयां से करि दे मिलनवा है राम…’ इतने में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें बीच में टोका और कहा ‘गाना बाद में होगा अभी सिर्फ अपनी बात रखिए।’ खास बात है कि रवि किशन ने जब भोजुपरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की तो सत्तापक्ष के अलावा विपक्ष के सांसदों ने भी उनका समर्थन किया।

भाजपा सांसद ने कहा कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। सत्तापक्ष और विपक्ष के कई सदस्य भी रवि किशन का समर्थन करते देखे गए। दार्जलिंग से भाजपा के लोकसभा सदस्य राजू बिस्ता ने अपने क्षेत्र में पुलिस उत्पीड़न का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस बारे में तथ्यान्वेषी समिति गठित की जाए और गोरखा लोगों को न्याय मिले।

इस पर तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि उनकी पार्टी गोरखालैंड राज्य की मांग का विरोध करती है।भाजपा के रमेश धागुक ने कहा कि पोरबंदर हवाई अड्डे का नाम कस्तूरबा गांधी हवाई अड्डा किया जाना चाहिए।भाजपा की शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक में आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में अवरोध डाले जाने का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकर से इस संबंध में कदम उठाने की मांग की।

कांग्रेस के गौरव गोगोई ने एनआरसी का मुद्दा उठाया और दावा किया कि असम के जिन 1.2 लाख लोगों को एनआरसी से बाहर रखा गया है उनमें गोरखा समाज के कई प्रतिष्ठित लोग भी हैं। गृह मंत्रालय को इसका संज्ञान लेना चाहिए। द्रमुक के दया निधि मारन ने झारंखड और कुछ अन्य राज्यों में भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं का मुद्दा उठाया। (इनपुट- भाषा के साथ)

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