बुधवार की सुबह Google ने अपने ईमेल के माध्यम से बताया कि उसने ‘जनता का रिपोर्टर’ की विज्ञापन सेवा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
ईमेल से कहा गया कि, नमस्कार, आपको सूचित किया जाता है कि आपकी वेबसाइट के परिणाम वर्तमान में हमारी ऐडसेंस कार्यक्रम की नीतियों का पालन नहीं कर रहे है इसलिए आपकी विज्ञापन सेवा को अक्षम (Disabled) कर दिया गया है।
Issue ID#: 93475871
Ad serving has been disabled to: www.jantakareporter.com
Example page where violation occurred: http://www.jantakareporter.
Google की ईमेल अपने अगले हिस्से में बताती है कि राधिका आप्टे की फिल्म, पाॅर्च, पर जो पिछले साल सितंबर में लीक दृश्य पर हमने एक समाचार रिपोर्ट प्रकाशित की थी उसी को आधार बनाकर हमारी विज्ञापन सेवा को बंद किया गया हैं। इसमें उन्होंने अश्लील चित्र, वीडियो, यौन रूप से संतुष्ट पाठ, चित्र, ऑडियो या वीडियो, या वे पन्ने जो कामुक सामग्री के लिए लिंक प्रदान करते हैं या ट्रैफिक देते हो जो कामुकता का सूचक है या यौन उत्तेजित करने का इरादा रखते है का हवाला दिया है।
हम गूगल की इस निराशाजनक कार्रवाई के बारें में सोचते है कि गूगल ने यह फैसला भारत में रक्षा सौदों पर हमारी श्रृंखला के द्वारा पर्दाफाश और खुलासे की वजह से कुछ निहित स्वार्थों के इशारे पर लिया है।
जनता का रिपोर्टर के प्रधान संपादक रिफत जावेद ने कहा, गूगल की यह कार्रवाई तर्क और समझदारी को खारिज करती है। हम राधिका आप्टे की फिल्म, पाॅर्च के लीक दृश्यों पर रिपोर्ट को कवर करने वाले अकेले समाचार आउटलेट नहीं थे। इस स्टोरी में सारी जानकारी दी गई थी जो बाकि की अन्य साइटों पर भी उपलब्ध है।
इस रिपोर्ट को भी हमने उसी तरह से कवर किया था जैसे की बाकि की मनोरंजन वाली खबरों को प्रकाशित किया जाता है। हमारी स्टोरी में दिखाए गए वीडियो और चित्र व्यापक रूप से अन्य वेबसाइटों पर भी सहज उपलब्ध है जो आसानी से देखें जा सकते है। लेकिन गूगल ने केवल हमारी रिपोर्ट पर ही अपनी आपत्ति जताई हैं।
केवल हमें ही दंडित किया है अन्य लोगों को नहीं जबकि अन्य साइटो पर भी यह तस्वीर उपलब्ध है। इसके अलावा गूगल के अन्य स्वामित्व वाले प्लेटफार्म, यूट्यूब पर पाॅर्च फिल्म के वीडियो भी उपलब्ध हैं। हम गूगल को उसके फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह करते है
रिफत जावेद ने आगे कहा कि गूगल की कार्रवाई स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला करने के समान है और कहा कि कोई भी धमकी हमें आवाज उठाने के हमारे संकल्प से नहीं सकती। गूगल की कार्रवाई वर्तमान में हुई संदिग्ध रक्षा सौदों पर हमारी गहन कवरेज को फाॅलो करती है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दौरान हुआ है।
हमने गूगल के वैश्विक सीईओ, सुंदर पिचाई और उसके भारत के प्रमुख राजन आनंदन को भी इस बारें में लिखा है कि उनकी यह कार्रवाई में स्पष्ट विसंगतियों के बारे में जानकारी देती हैं।