गुजरात में एसआईटी की एक विशेष अदालत ने 2002 गोधरा ट्रेन अग्निकांड में बुधवार (20 मार्च) को एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। विशेष एसआईटी न्यायाधीश एच सी वोरा की अदालत ने मामले में पांच अन्य आरोपियों की गवाही के आधार पर पटालिया को दोषी ठहराया।
पीटीआई के मुताबिक, गोधरा पुलिस ने घटना के करीब 16 साल बाद पटालिया को जनवरी 2018 में गिरफ्तार किया था। यहां साबरमती केंद्रीय जेल में लगी विशेष अदालत में उस पर मुकदमा चला। याकूब पर उस भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है, जिसने 27 फरवरी 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में आग लगा दी थी। इस घटना में 59 कार सेवकों की मौत हो गई थी और इसके बाद राज्य में दंगे भड़क गए थे।
2002 Godhra train burning case: A Special SIT Court in Ahmedabad sentences convict Yakub Pataliya to life imprisonment.
— ANI (@ANI) March 20, 2019
विशेष एसआईटी अदालत ने एक मार्च 2011 को मामले में 31 लोगों को दोषी करार दिया था। बाद में अदालत ने उनमें से 11 को मृत्युदंड दिया और 20 अन्य को मौत की सजा सुनाई। हालांकि, गुजरात हाई कोर्ट ने अक्टूबर 2017 में 11 दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया, जबकि एसआईटी अदालत द्वारा 20 अन्य को सुनाई गई सजा को बरकरार रखा।
विशेष अदालत ने पिछले साल अगस्त में दो लोगों- फारूक भाना और इमरान शेरी को उम्रकैद की सजा सुनाई और तीन अन्य- हुसैन सुलेमान मोहन, कसम भामेडी और फारूक धनतिया को बरी कर दिया था। तीनों को 2011 के बाद गिरफ्तार किया गया था। मामले में आठ आरोपी अब तक फरार हैं।