गोवा में मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त करने को चुनौती देने वाली कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार(14 मार्च) को सुनवाई हुई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कांग्रेस को फटकार लगाते हुए पूछा कि सुप्रीम कोर्ट आने से पहले आपने(कांग्रेस) राज्यपाल के सामने दावा पेश क्यों नहीं किया? साथ ही अदालत ने विधानसभा में 16 मार्च को बहुमत परीक्षण का निर्देश भी दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की दलील को खारिज करते हुए पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। साथ ही शीर्ष अदालत ने कांग्रेस से कहा कि ये मामला राज्यपाल के विशेषाधिकार का है। कोर्ट ने कांग्रेस से पूछा कि अभी तक समर्थन में आए विधायकों की जानकारी याचिका में क्यों नहीं दी?
शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी तो अभी तक इससे जुड़ा कोई ऐफिडेविट क्यों पेश नहीं किया गया। याचिका में यह नहीं बताया गया कि कांग्रेस के समर्थन में कितने विधायक हैं। कोर्ट ने कहा कि बहुमत का परीक्षण विधानसभा में होगा। कोर्ट के फैसले के बाद गोवा में सरकार गठन को लेकर बीजेपी का रास्ता साफ हो गया है।
Goa govt formation tussle: SC asks Congress why they did not approach the Governor of Goa over govt formation
— ANI (@ANI) March 14, 2017
गौरतलब है कि गोवा में राज्यपाल द्वारा मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने के फैसले को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। दरअसल, रविवार को मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने 21 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र राज्यपाल को सौंपते हुए गोवा में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया।
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पर्रिकर को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया है। पर्रिकर आज(14 मार्च) शाम 5 बजे गोवा के सीएम पद की शपथ लेंगे, लेकिन उससे पहले कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। वहीं राज्यपाल ने पर्रिकर को गोवा विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है। गौरतलब है कि प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।
भाजपा राज्य की 40 विधानसभा क्षेत्रों में 13 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही, जबकि कांग्रेस ने 17 सीटें जीती हैं। बहरहाल, भाजपा पर्रिकर के नेतृत्व में अन्य पार्टियों और निर्दलीय का समर्थन हासिल करके संख्याबल जुटाने में कामयाब रही। क्योंकि गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन विधायक, एमजीपी के तीन विधायक और दो निर्दलीयों ने पर्रिकर को समर्थन देने का एलान किया था।
जिसके बाद कांग्रेस ने कम सीटों के बावजूद सरकार बनाने के बीजेपी दावे को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए।