थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार (4 फरवरी) को कहा कि सियाचिन सहित अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में सेवा दे रहे सैनिकों के लिए विशेष कपड़ों की खरीद में देर के लिए बल की आलोचना करने वाली कैग की एक रिपोर्ट ‘थोड़ी पुरानी’ है क्योंकि यह 2015-16 से संबंधित है। जनरल नरवणे ने कहा कि थल सेना आज बखूबी तैयार है।

संसद के पटल पर सोमवार को रखे गए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कपड़े, उपकरण, स्नो गोगल और बहुद्देश्यीय जूतों की खरीद में देर के लिए थल सेना की खिंचाई की गई है। दरअसल, ये चीजें ऊंचाई वाले इलाकों में सेवा दे रहे सैनिकों के लिए जरूरी हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकारिता के 30 छात्रों के समूह से मिलने के बाद जनरल नरवणे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि आप कैग की रिपोर्ट को सावधानीपूर्वक देखेंगे, तो यह 2015-16 से संबंधित नजर आएगा। इसलिए, यह मौजूदा वक्त के बारे में रिपोर्ट नहीं है। इसलिए, इस रूप में यह कुछ पुरानी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं आपको यह आश्वस्त करना चाहुंगा कि आज की तारीख में, 2020 में, हम बखूबी तैयार हैं और सियाचिन जाने वाला हर जवान करीब एक लाख रुपये की व्यक्तिगत कपड़े पाता है। वहां जाने वाले हर सैनिक के लिए हम इस तरह की तैयारी करते हैं।’’
रक्षा बजट में मामूली वृद्धि पर उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा बजट साल दर साल आठ प्रतिशत बढ़ा है। हम इस बारे में अध्ययन करेंगे कि कैसे इस बजट का प्रबंधन किया जाए और किस तरह से इसका पूरा उपयोग किया जाए। और हम आधुनिकीकरण जारी रखेंगे।’’
उन्होंने कहा, “बजट के आवंटन के बावजूद, पिछले साल में हमने चार-पांच अलग-अलग तरह के हथियारों, हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों को शामिल किया है। इसलिए, आधुनिकीकरण कभी भी मुद्दा नहीं रहा है।” रक्षा बजट को 2020-21 के लिए पिछले वर्ष के 3.18 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़ाकर 3.37 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया, जिससे लंबे समय से लंबित सैन्य आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त वृद्धि के आवंटन की उम्मीदें बढ़ गई।