गंगा को लेकर मुरली मनोहर जोशी ने दी मोदी को नसीहत

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संसदीय समिति ने गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के सरकार के प्रयासों पर असंतोष जताया है। संसदीय समिति के अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी ने गंगा जीर्णोद्धार विषय पर एक रिपोर्ट पेश करते हुए साफ कहा कि महज़ प्रधानमंत्री के देखने भर से गंगा साफ नहीं होगी।

समिति ने अगले दो साल में गंगा को निर्मल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय मैकेनिज्म बनाने का सुझाव भी रखा है। डॉ जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक ऐसा एकीकृत मैकेनिज्म बनना चाहिए जिसमें केंद्र के सभी संबंधित मंत्रालयों के प्रतिनिधि, राज्यों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ शामिल हों।

इसके अलावा संसदीय समिति को केंद्र के मंत्रालयों के बीच आपसी तालमेल का अभाव नजर आया है। जिसके वजह से गंगा स्वच्छता का कार्य प्रभावित हो रहा है। डॉ जोशी ने कहा कि गंगा के जीर्णेद्धार का कार्य अभी 5 से 7 मंत्रालयों के बीच में है। लेकिन अभियान को युद्धस्तर और मिशन मोड में चलाने के लिए एकीकृत ढ़ांचे की जरूरत है।

समाचार पत्र अमर उजाला के मुताबिक डॉ मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि संसदीय समिति की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अगले 4 दिनों में गंगा स्वच्छता को लेकर बैठक करने वाले हैं। डॉ जोशी ने आगे कहा कि यह गंगा के लिए बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री समिति की सिफारिशों पर अमल करें। समिति ने गंगा को दो साल में अविरल और निर्मल बनाने का ब्लू प्रिंट सौंप दिया है। अब यह सरकार पर है कि वह इसे कैसे देखती है।

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