भाजपा समर्थक बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर से अपने विवादित बयानों को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गई है, लोग उन्हें ट्रोल करते हुए जमकर खरी-खोटी सुना रहे है। अभिनेत्री स्वरा भास्कर से लेकर पूर्व IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह और कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कंगना रनौत के विवादित बयान को लेकर उनपर निशाना साध रहे है।
टाइम्स नाऊ के समिट में कंगना रनौत ने कहा, ‘सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई, नेता सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून न बहाए। उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, यकीनन। पर वो आजादी नहीं थी वो भीख थी और जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली है।’
कंगना के इस बयान को देने के बाद इवेंट पर बैठे कुछ लोग तालियां पीटने लगे। अभिनेत्री के बयान पर नाविका कुमार ने कहा, ‘इसलिए ही सब आपको कहते हैं कि आप भगवा हैं।’
कंगना रनौत का यह विवादित बयान अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देख कर स्वरा भास्कर ने कहा- ‘कौन हैं वो बेवकूफ लोग जिन्होंने इस बात को सुन कर तालियां बजाना शुरू कर दिया। मैं जानना चाहती हूं।’
Who are the idiots who are clapping is what I want to know.. https://t.co/LRhbGjHsxF
— Swara Bhasker (@ReallySwara) November 10, 2021
पूर्व IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, “इसी लिए तो कहा था: “यदि शोहरत मिले तो सोनू सूद बनना,कंगना नहीं।” भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु सहित लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को भीख बताने वाली कंगना।”
इसी लिए तो कहा था:
"यदि शोहरत मिले तो सोनू सूद
बनना,कंगना नहीं।"भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु सहित लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को भीख बताने वाली कंगना।???? pic.twitter.com/i9VYIXHTij
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) November 10, 2021
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- “हमारी आज़ादी को भीख कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त असंतुलित ही कहेगा-वह आज़ादी जिसके लिए लाखों ने अपने प्राणों की आहुतियाँ दीं-ख़ैर उनसे और क्या आशा? लेकिन नाविका कुमार जी, आज़ादी के लिए इस्तेमाल किए गए इस सस्ते शब्द और वक्तव्य की आपने आलोचना क्यों नहीं की? या आपसे भी आशा बेकार है?”
हमारी आज़ादी को भीख कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त असंतुलित ही कहेगा-वह आज़ादी जिसके लिए लाखों ने अपने प्राणों की आहुतियाँ दीं-ख़ैर उनसे और क्या आशा?
लेकिन @navikakumar जी, आज़ादी के लिए इस्तेमाल किए गए इस सस्ते शब्द और वक्तव्य की आपने आलोचना क्यों नहीं की? या आपसे भी आशा बेकार है? pic.twitter.com/lk3dNsQ67V
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) November 10, 2021
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